कर्ज माफ क्या करेगी सरकार, ब्याज तक नहीं छोड़ रहे बैंक : शेट्टी

Debt waiver is far away.Bank is now charging interest
कर्ज माफ क्या करेगी सरकार, ब्याज तक नहीं छोड़ रहे बैंक : शेट्टी
कर्ज माफ क्या करेगी सरकार, ब्याज तक नहीं छोड़ रहे बैंक : शेट्टी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष व लोकसभा सदस्य राजू शेट्टी ने कहा है कि कर्जमाफी तो दूर की बात है बैंक अब किसानों से ब्याज वसूल रही है वह भी सख्ती से । कर्जमाफी का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार ने 28 जून को कर्जमाफी की घोषणा की थी, लेकिन तत्काल कर्जमाफी की राशि किसान के खाते में जमा नहीं कराई गई। 6 माह विलंब होने के कारण बैंक अब 6 माह का ब्याज मांग रहे हैं। शेट्टी ने यह भी कहा कि किसानों के लिए राहत की जो घोषणा की गई है वह भी स्पष्ट नहीं है। 
नकद राशि दें किसानों को: सरकार ने राहत के तौर पर किसानों को नकद राशि देना चाहिए। उसकी पूर्ति सरकार उन तीन स्रोतों से कर सकती है जिसके माध्यम से किसानों को राहत देने का दावा किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विदर्भ राज्य बनना ही चाहिए। छोटे राज्य क्षेत्र विकास में सहायक होते हैं। मंगलवार को पत्रकार वार्ता में श्री शेट्टी बोल रहे थे। किसान सम्मेलन के सिलसिले में यहां आए श्री शेट्टी ने कहा कि एक वर्ष में वे 4 बार विदर्भ का दौरा कर चुके हैं। किसानों की स्थिति ठीक नहीं है।

शीतसत्र में उम्मीद थी राहत की:  शीत सत्र में लग रहा था कि सरकार किसानों की समस्या को गंभीरता से लेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। धान व कपास उत्पादकों को राहत देने का साफ निर्णय नहीं लिया गया।सोयाबीन उत्पादकों का तो ध्यान ही नहीं रखा गया है। कपास को बीज कंपनियों के कारण नुकसान हुआ है। कंपनियों से नुकसान वसूली के साथ ही उन पर बंदी की कार्रवाई की जानी चाहिए। एक प्रश्न पर सांसद शेट्टी ने कहा कि फिलहाल उनके संगठन ने राजनीतिक दलों से दूरी बना रखी है। कांग्रेस राकांपा की सरकार के विरोध में संघर्ष करते रहे। लिहाजा उन्हें अब अच्छा मान लेने की आश्यकता नहीं है। जिन दलों को सत्ता परिवर्तन का लाभ मिला वे भी पहले की सरकार की तरह ही काम कर रहे हैं। आघाड़ी सरकार के समय के घोटालों पर अब भी पर्दा है। भाजपा से नाराज नेताओं ने तीसरा मोर्चा बनाने की बात कही है। शेट्टी ने कहा कि वे राजनीतिक पर्याय के तौर पर तीसरा मोर्चा के गठन का स्वागत करेंगे। 
तीसरा मोर्चा गठित हो तो उसके सहभागी बनेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि नागपुर में विधानमंडल का शीतसत्र हो न हो पर यहां जो भी सत्र हो वह कम से कम 5 सप्ताह का होना चाहिए। पत्रकार वार्ता में रविकांत तुपकर, देेवेंद्र भुयार, दयाल राऊत, कैलाश फाटे व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। 
 

Created On :   27 Dec 2017 10:46 AM IST

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