मौत के बाद लड़के को न्याय दिलाने छेड़ा आंदोलन

Demand for action against negligent doctors
मौत के बाद लड़के को न्याय दिलाने छेड़ा आंदोलन
लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग मौत के बाद लड़के को न्याय दिलाने छेड़ा आंदोलन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सर्पदंश से मृत 10 साल के लड़के आदर्श मिश्रा को न्याय दिलाने के लिए शनिवार को विविध संगठनों ने संविधान चौक पर आंदोलन किया। चार संगठनों ने विविध मांगें रखीं। स्वास्थ्य व्यवस्था की कार्यप्रणाली को लेकर रोष प्रकट किया गया। आंदोलन में ब्राह्मण सेना फाउंडेशन, वाइल्ड लाइफ वेलफेयर सोसायटी, विदर्भ सर्पमित्र समिति, किन्नर विकास बहुद्देशीय संस्था ने संविधान चौक पर नारेबाजी की। आदर्श के पिता राकेश मिश्रा ने अपने बेटे की मौत के लिए मेयो और मेडिकल के डॉक्टरों को जिम्मेदार बताया। इसलिए लापरवाही बरतनेवाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई। 

28 जुलाई को काटा था सांप ने

सर्पदंश की दवा होते हुए भी यदि किसी की सर्पदंश से मौत होती है, तो इससे बड़ी लापरवाही क्या हो सकती है, ऐसा सवाल आंदोलनकारियों ने उठाया है। इसलिए आदर्श मिश्रा की मौत के लिए लापरवाही बरतनेवाले डॉक्टर्स जिम्मेदार हैं। ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग संगठनों ने की। 28 जुलाई को भरतवाड़ा स्थित मानसी ले-आउट में रहनेवाले राकेश मिश्रा के 10 साल के बेटे आदर्श को रात में सांप ने काट लिया। यह मन्यार जाति का जहरीला सांप था। आदर्श को तुरंत पारडी के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां दवा उपलब्ध नहीं होने से उसे मेयो अस्पताल ले जाया गया। वहां दवा व वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी गई। इसके बाद आदर्श को मेडिकल ले जाया गया। यहां सीनियर डॉक्टर्स उपलब्ध नहीं थे।

डॉक्टर को आने में करीब एक घंटा लगा। डॉक्टर ने आते ही दवा व बेड उपलब्ध नहीं होने के बारे में बताया। इसी डॉक्टर ने सर्पदंश पर उपचार करने औषधि लिखकर दी और बाहर से लाने को कहा। परिजनों ने काफी भागदौड़ की, लेकिन कहीं पर भी दवा नहीं मिली। उसका प्राथमिक उपचार भी नहीं किया गया। इस चक्कर में करीब 4 घंटे बीत गए।

निजी अस्पताल में किया इलाज :इसके बाद परिजनों ने आदर्श को इसासनी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती किया। यहां के डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया, लेकिन समय अधिक बीतने से आदर्श जिंदगी और मौत के बीच झूलने लगा था। 5 अगस्त की रात को उसकी मृत्यु हुई। बाद में पता चला कि मेडिकल में सर्पदंश पर उपचार के लिए जरूरी प्रतिरोधक दवाओं का स्टॉक उपलब्ध था। इसके बावजूद डॉक्टरों ने बाहर से दवा मंगाने के नाम पर परेशान किया और आदर्श को भर्ती करने से मना किया। इस बात के प्रति रोष प्रकट किया गया। आंदाेलन के दौरान संबंधित लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई।
 

Created On :   22 Aug 2021 4:37 PM IST

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