तोतलाडोह डैम का कुछ हिस्सा मछुआरों को देने की उठ रही मांग

Demand for giving some part of the Tatladoh Dam to fishermen
तोतलाडोह डैम का कुछ हिस्सा मछुआरों को देने की उठ रही मांग
तोतलाडोह डैम का कुछ हिस्सा मछुआरों को देने की उठ रही मांग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समीपस्थ पेंच तोतलाडोह जलाशय का कुछ हिस्सा मछुआरों के लिए देने की मांग उठने लगी है। तोतलाडोह जलाशय में मछली पकड़ने गए मछ़ुआरों पर वन रक्षकों द्वारा गोलीबारी में जान गंवाने वाले और पशुओं के अंग बेचने के मामले में गिरफ्तार 17 लोगों में एक की लाश मिलने के मामले में अब तक परिजनों काे न्याय नहीं मिलने का मामला उठाते हुए रामटेक पंचायत समिति के पूर्व सभापति उदयसिंग यादव ने परिसर के आदिवासी समुदाय के लिए उचित व्यवस्था किए जाने की मांग की है।

मुख्यमंत्री व केन्द्रीय मंत्री को भेजा ज्ञापन
बता दें कि यादव ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी समेत कई मंत्रियों व अधिकारियों को संबोधित करते हुए अपने ज्ञापन में मांग की है कि पेंच बाघ प्रकल्प के अंतर्गत सिल्लारी वन परिक्षेत्र तथा नागलवाडी वन परिक्षेत्र के समीप पेंच तोतलाडोह जलाशय के कुछ क्षेत्र को अनारक्षित घोषित किया जाए और स्थानीय आदिवासी समुदाय को मछली पकड़ने की अनुमति दिलाने सरकार सुप्रीम काेर्ट में पहल करें।

यादव ने कहा कि एक ओर वन संरक्षण कानून भाग 15 अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पारंपरिक वनधारकों अधिनियम 2006 मछली और अन्य उत्पादों के उपयोग का अधिकार देता है। ऐसे में आदिवासियों के सभी परंपरागत अधिकार खत्म कर उन्हें वन उत्पाद से वंचित रखना उन पर अन्याय है।

2006 में तोतलाडोह में मछली मारने पर लगा बैन
उल्लेखनीय है कि  पेंच बाघ प्रकल्प में सिल्लारी और लनागलवाड़ी दो वन परिक्षेत्र आते हैं। इसके मध्य भाग में तोतलाडोह जलाशय है। पहले यहां से आदिवासी मछली पकड़कर जीवन चलाते थे। मछली पालन की इनके आजीविका का साधन था। केंद्र सरकार ने वर्ष 2006 में तोतलाडोह में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया। परिसर को पेंच प्रकल्प घोषित कर दिया गया। इससे स्थानीय आदिवासियों के सामने भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसके साथ ही आदिवासियों और वन कर्मचारियों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। 

Created On :   21 Jan 2019 7:12 AM GMT

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