दो छात्रों के उत्पीडन के खिलाफ दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन

Demonstration outside Delhi Police Headquarters against harassment of two student activists
दो छात्रों के उत्पीडन के खिलाफ दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन
प्रज्ञा आनंद को बर्खास्त करने की मांग दो छात्रों के उत्पीडन के खिलाफ दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी के मामले में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर के बाहर प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसए) के दो छात्र कार्यकर्ताओं को महिला पुलिस कर्मियों द्वारा बर्बरता से पीटने और उनके निजी अंगों पर हमला करने के खिलाफ विभिन्न नागरिक संगठनों ने यहां पुलिस मुख्यालय के बाहर बुधवार को प्रदर्शन कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आइसा की दो महिला कार्यकर्ताओं के साथ उत्पीड़न करने के मामले में एसीपी प्रज्ञा आनंद को बर्खास्त करने की मांग की। गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी के मामले में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त और उनके बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर के बाहर रविवार को प्रदर्शन कर रहे एईएसए के कुछ कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था।

उत्पीड़ितों में से एक पीडिता ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा है, जिसमें यह दावा किया गया है कि उन पर जान-बूझकर हमला किया गया है। उन्होंने लिखा है कि हम करीब 15-17 लोग हाथों में पोस्टर और प्लेकार्ड्स लिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। शुरुआत में वहां कोई महिला पुलिस कर्मी नहीं थी और पुरुष प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। पीडिता ने लिखा है कि उस दौरान एआईएसए की एक छात्र नेता मारपीट की रिकॉर्डिंग कर रही थी, तभी एक पुलिस कर्मी ने उनका फोन छीन लिया। हमने फैसला किया कि फोन वापस नहीं मिल जाता तब तक वे खुद को हिरासत में नहीं लेने देंगी। इसके चलते महिला पुलिसक र्मियों ने उनके साथ घोर ज्यादती की और वह हमें 300-400 मीटर तक घसीट कर ले गई। इतने पर भी बात नहीं बनी तो एक पुलिसकर्मी ने उनका कुर्ता उठाने की कोशिश की, फिर उन्हें बस में धकेल दिया और करीब बीस मिनट तक उनके निजी अंगों पर हमला किया, जब तक कि वे दर्द के चलते रोने लगी।

वह लिखती है कि इस दौरान एक महिला पुलिस कर्मी ने उनसे कहा कि, हम तुम्हे तुम्हारी औकात दिखायेंगे। इन सबके बीच पुरुष पुलिस वाले मूकदर्शक बनकर खड़े हुए थे। उन्होंने लिखा है कि इस तरह की प्रताड़ना के बाद भी दिल्ली पुलिस ने उनका इलाज नहीं कराया। उलटा उन्होंने आवाज उठाने पर एपआईआर दाखिल करने की धमकी दी थी। पीडिता की इस पोस्ट को महिला अधिकार कार्यक र्ता और अखिल बारतीय प्रगतिशील महिला संघ की सचिव कविता कृष्णन ने ट्वीटर पर दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए साझा किया था।
 

Created On :   13 Oct 2021 10:02 PM IST

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