कलमना मार्केट को सेस मुक्त करने हुआ प्रदर्शन, कोयला श्रमिक संगठनों की हड़ताल

Demonstration to free SEZ in Kalmana market, coal workers organizations strike
कलमना मार्केट को सेस मुक्त करने हुआ प्रदर्शन, कोयला श्रमिक संगठनों की हड़ताल
कलमना मार्केट को सेस मुक्त करने हुआ प्रदर्शन, कोयला श्रमिक संगठनों की हड़ताल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कलमना मार्केट को सेस मुक्त करने की मांग को लेकर शहर भाजपा ने प्रदर्शन किया। भाजपा पदाधिकारियों के अलावा व्यापारियों ने राज्य सरकार का निषेध किया। पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार ने कृषि उपज बाजार समितियों को सेस मुक्त करने के लिए अध्यादेश जारी किया है। उसे राज्य में भी लागू किया जाना चाहिए। प्रदर्शन के दौरान भाजपा के शहर अध्यक्ष प्रवीण दटके, विधायक कृष्णा खोपड़े, विधान परिषद सदस्य गिरीश व्यास, विधायक मोहन मते, उपमहापौर मनीषा कोठे, मनपा स्थायी समिति सभापति पिंटू झलके, मनपा सत्ता पक्ष नेता संदीप जाधव, भाजपा व्यापारी आघाड़ी के शहर अध्यक्ष संजय वाधवानी, पूर्व स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे, मिर्ची बाजार के अध्यक्ष विनोद गर्ग आदि शामिल थे। 

आंदोलन तेज करने की चेतावनी

कलमना मार्केट के व्यापारियों ने कहा कि किसानों को राहत देने के लिए सेस हटाना आवश्यक है। ‘एक संविधान एक कर’ प्रणाली की व्यवस्था होनी चाहिए। केंद्र सरकार के अध्यादेश के तहत मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश  कर्नाटक सरकार ने कृषि मंडियों से सेस हटा दिया है। उसी तरह राज्य में भी निर्णय लेने की आवश्यकता है। कृषि मंडी को सेस मुक्त करने की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने की भी चेतावनी दी गई। विधायकों ने जिलाधिकारी  कृषि उपज बाजार समिति के प्रशासक से फोन पर चर्चा कर उचित निर्णय लेने को कहा। 

कोयला श्रमिक संगठनों की हड़ताल 

निजीकरण के खिलाफ कोयला श्रमिक संगठनों की हड़ताल गुरुवार को शुरू हुई। हिंद मजदूर सभा के नागपुर क्षेत्र के महासचिव ब्रिजेश सिंह ने दावा किया कि पहले दिन नागपुर क्षेत्र में हड़ताल शत-प्रतिशत सफल रही। हड़ताल के कारण वेकोलि की खदानों में उत्पादन और डिस्पैच नहीं हो पाया। नागपुर क्षेत्र में कोल इंडिया के लगभग 5500 हजार कर्मचारी हड़ताल पर रहे, जबकि नागपुर, चंद्रपुर, बल्लारपुर, वणी, पेंच और कन्हान खदान के कुल 40,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। नागपुर क्षेत्र से रोजाना 2 लाख टन कोयला डिस्पैच होता है, जो नहीं हो पाया। हड़ताल के कारण तीन दिन तक 6 लाख टन कोयला डिस्पैच नहीं हो पाएगा। 

केंद्रीय कोयला मंत्री ने की हड़ताल वापस लेने की अपील

केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कोल इंडिया के श्रमिक संगठनों से अपील की है कि वे राष्ट्रहित में 4 जुलाई तक प्रस्तावित अपनी हड़ताल वापस ले लें। बुधवार को कोल इंडिया के 4 केंद्रीय श्रमिक संगठनों बीएमएस, एचएमएस, एटक और सीटू के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आहूत बैठक में उन्होंने यह अपील की थी। उन्होंने कमर्शियल माइनिंग के मामले में श्रमिक संगठनों की आशंकाओं को निराधार बताते हुए देश को कोयले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किए जा रहे प्रयासों को सशक्त करने की अपील की। जोशी ने कोल इंडिया परिवार को आश्वस्त किया कि कमर्शियल माइनिंग से कोल इंडिया का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। कोल इंडिया देश में कोयला उत्पादन की सबसे बड़ी कंपनी थी, है और रहेगी। हड़ताल से कोयला कामगारों, कंपनी और देश का भारी नुकसान होगा। 

आत्मनिर्भर भारत के लिए राष्ट्र को बिजली चाहिए, जो पर्याप्त कोयले के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी देश चीन सालाना 3,500 मिलियन टन कोयला निकाल कर अपने विकास को नई रफ्तार दे रहा है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कोयला रिजर्व रखकर भी चीन आज सबसे बड़ा कोयला उत्पादक एवं उपभोक्ता देश है। विकास की दौड़ में चीन को टक्कर देते हुए उससे आगे निकलने के लिए भी यह बेहद जरूरी है कि हम अपने देश में मौजूद विशाल कोयला भंडार का जल्द से जल्द दोहन करें।
 


 

Created On :   3 July 2020 10:58 AM GMT

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