हेल्थ कार्ड स्कीम लागू करना तो दूर, जानकारी से अनभिज्ञ है कार्यालय, RTI में हुआ खुलासा

Departmental officers are unaware and less informed about scheme
हेल्थ कार्ड स्कीम लागू करना तो दूर, जानकारी से अनभिज्ञ है कार्यालय, RTI में हुआ खुलासा
हेल्थ कार्ड स्कीम लागू करना तो दूर, जानकारी से अनभिज्ञ है कार्यालय, RTI में हुआ खुलासा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार जनता के हित के लिए योजनाएं तो शुरू कर देती है, लेकिन ऐसी कई योजनाएं है जिसकी जानकारी संबंधित विभाग को ही नहीं होती । ऐसा ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई हेल्थ कार्ड स्कीम की जानकारी विभागीय आयुक्तालय व स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय को नहीं होने का खुलासा RTI में हुआ है। सरकार की हर योजना की जानकारी विभागीय आयुक्तालय में होनी चाहिए, लेकिन जब प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजना का यह हाल है, तो बाकी योजनाआें की स्थिति के बारे में सोचा जा सकता है।

मांगी गई थी यह जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सॉइल (जमीन) हेल्थ कार्ड की तर्ज पर हेल्थ कार्ड स्कीम लांच की। यह योजना इंसानों के स्वास्थ्य को लेकर है। RTI एक्टिविस्ट अभय कोलारकर ने विभागीय आयुक्तालय को पत्र लिखकर हेल्थ कार्ड स्कीम कब शुरू हुई, इस योजना का कितने लोगों को लाभ हुआ, इस योजना के लिए कितनी निधि सरकार से मिली, कितनी निधि खर्च की गई, विज्ञापन पर कितनी निधि खर्च की गई, योजना का लाभ कितने साल तक होता है आैर योजना को गरीबों तक पहुंचाने के लिए क्या मेथड (प्रक्रिया) अपनाई गई इस बारे में जानकारी मांगी गई थी।

विभागीय आयुक्तालय की आेर से स्पष्ट किया गया कि इस बारे में कार्यालय के पास जानकारी उपलब्ध नहीं है। विभागीय आयुक्तालय की आेर से 11 जून को स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय नागपुर को पत्र लिखकर संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया। स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय नागपुर की आेर से स्पष्ट किया गया कि मांगी गई जानकारी के संबंध में राज्य स्तर से कोई आदेश प्राप्त नहीं होने से संबंधित जानकारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। हेल्थ कार्ड स्कीम क्या है आैर किसके लिए है, इस बारे में लोगों को बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। यह स्कीम प्रशासनिक कार्यालयों में ही घूमती नजर आ रही है। 

अहम है यह योजना
देश भर में लोगों को आधार कार्ड के साथ जोड़ने के बाद सरकार ने अब सबका हेल्थ कार्ड बनाने की तैयारी की है। आधार कार्ड की तरह इस कार्ड पर भी यूनिक आईडी नंबर के साथ फोटो होगी। इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड स्टैंडर्ड योजना के तहत हर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री कंप्यूटराइज्ड सुरक्षित की जाएगी। इससे सरकार के पास पब्लिक हेल्थ का डाटा बेस होगा। इस डाटा बेस को इंटीग्रेटेड सिस्टम के जरिए सभी हेल्थ सेंटरों पर उपलब्ध कराया जाएगा। वहां मरीज जब अपना हेल्थ कार्ड दिखाएगा तो उस पर मौजूद यूनिक आईडी नंबर कंप्यूटर में डालते ही उसकी हेल्थ हिस्ट्री खुल जाएगी और वह उस अस्पताल में अपना इलाज कर सकेगा। 

मेडिकल हिस्ट्री नहीं बतानी पड़ेगी
योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री सुरक्षित हो जाएगी। इसमें हर तरह की जांच जैसे, एक्स-रे, एमआरआई व दूसरी रेडियोलॉजी इमेज भी रिकॉर्ड में शामिल होंगी। हेल्थ कार्ड पर यूनिक आईडी नंबर कंप्यूटर में डालते ही मरीज की पूरी मेडिकल हिस्ट्री ऑनलाइन देखी जा सकती है। इससे देश में कहीं भी जरूरत पड़ने पर मरीज का इलाज तुरंत शुरू हो सकेगा। मरीज को मेडिकल रिकॉर्ड खोने का डर नहीं रहेगा।

यह होंगे फायदे, समय के साथ ही पैसों की भी बचत
कोई मरीज जब एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए जाता है तो उसे अपने साथ बहुत से डॉक्यूमेंट्स ले जाने पड़ते हैं। कोई जानकारी रह गई तो उसे फिर से टेस्ट आदि कराने पड़ते हैं। इससे समय खर्च होने के साथ ही उसका खर्च भी बढ़ जाता है। इस प्रक्रिया में अस्पतालों का समय भी खराब होता है। ऐसे में एक बार उसका हेल्थ रिकॉर्ड कंप्यूटराइज्ड सुरक्षित कर लेने पर ये परेशानियां दूर हो जाएंगी। 
 

Created On :   2 July 2018 12:48 PM IST

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