उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा - मराठा आरक्षण को लेकर समाज को भड़का रहा है विपक्ष

Deputy Chief Minister Pawar said - Opposition is provoking the society regarding Maratha reservation
उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा - मराठा आरक्षण को लेकर समाज को भड़का रहा है विपक्ष
उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा - मराठा आरक्षण को लेकर समाज को भड़का रहा है विपक्ष

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के मराठा आरक्षण रद्द करने के फैसले के बाद से लगातार राज्य सरकार को घेरने वाली भाजपा पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हमला बोला है। उन्होंने मराठा आरक्षण को लेकर भाजपा पर मराठा समाज को भड़काने का आरोप लगाया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया है। कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मराठा समाज को वास्तविकता को समझनी चाहिए। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री ने प्रदेश राकांपा की ओर से आयोजितफेसबुक लाइव के माध्यम से जनता संवाद साधा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष राज्य में वातावरण बना रहा है कि राज्य सरकार के कारण सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण टिक नहीं सका। विपक्ष का यह दावा साफ झूठा है। पूरे महाराष्ट्र को मालूम है कि मैं एकदम स्पष्ट बोलने वाला व्यक्ति हूं। मराठा आरक्षण रद्द करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट का है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मराठा आरक्षण की बहाली के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से8 जून को मुलाकात की थी। हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार आर्थिक रूप सेकमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)10 प्रतिशतआरक्षण की तर्ज पर मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए कानून में संशोधन करें।इसके अलावा राज्य सरकार मराठा आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। सरकार समाज के दूसरे वर्गों के मौजूदा आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए कटिबद्ध है।

पंढरपुर के लिए पैदल पालकी यात्रा की अनुमति नहीं

कोरोना संकट के कारण इस साल भी पंढरपुर के आषाढी वारी के लिए वारकरी समाज को पैदल पालकी यात्रा निकालने की अनुमति नहीं होगी। पुणे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह घोषणा की। पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आषाढ़ी वारी पालखी सम्मेलन में 10 प्रमुख पालखी को बस द्वारा पंढरपुर जाने की अनुमति होगी। पालखी को बस में लेकर जा सकेंगे। पुणे के देहू और आलंदी में पालखी के प्रस्थान कार्यक्रम में 100 वारकरी को शामिल होने की छूट होगी जबकि 8 पालखी के लिए  प्रत्येक 50 वारकरी पंढरपुर जा सकेंगे। 

भाजपा ने किया विरोध 

दूसरी ओर भाजपा आध्यात्मिक समन्वय आघाड़ी के प्रदेश अध्यक्ष आचार्य तुषार भोसले ने सरकारके इस फैसले का विरोध किया है। भोसले ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री ठाकरे के नेतृत्व में मुगलों की सरकार राज कर रही है। वारकरी संप्रदाय ने सीमित संख्या में पैदल पालकी यात्रा की अनुमति देने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने मांग को ठुकरा दिया है। वारकरी संप्रदाय किसी भी स्थिति में पैदल पालकी यात्रा करेगा। इससे यदि कानून व्यवस्था बिगड़ती है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। 
 

Created On :   11 Jun 2021 7:28 PM IST

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