ईडी की दुर्भावना नहीं साबित कर सके देशमुख

Deshmukh could not prove EDs malice - HC
ईडी की दुर्भावना नहीं साबित कर सके देशमुख
हाईकोर्ट ईडी की दुर्भावना नहीं साबित कर सके देशमुख

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के खिलाफ राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की याचिका को खारिज करते हुए बांबे हाईकोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में साफ किया है कि देशमुख ईडी की जांच में किसी प्रकार की कानूनी दुर्भावना को साबित करने में नाकाम रहे हैं। देशमुख ने बिना किसी वैध कारण के इस मामले की जांच में सहयोग करने से इनकार किया है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक याचिकाकर्ता (देशमुख) तथ्यात्मक रुप से भी ईडी की दुर्भावना को नहीं व्यक्त कर पाए। जहां तक बात उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाने  अथवा एसआईटी को जांच स्थांतरित करने की मांग की है तो फिलहाल इस पर विचार नहीं किया जा है।न्यायमूर्ति नीतिन जामदार व न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने 55 पन्नों के अपने फैसले में कहा है कि देशमुख को समन जारी करना प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग कानून के तहत जांच का हिस्सा है। यह समन ईडी की ओर से अपने क्षेत्राधिकार के भीतर जारी किया गया है। खंडपीठ ने देशमुख की ओर से ईडी को ऑनलाइन तरीके से पूछताछ करने का निर्देश देने की मांग पर कहा है कि याचिकाकर्ता से कैसे पूछताछ करनी है। यह ईडी का विशेषाधिकार है। मनी लांड्रिंग के आरोपों की जनहित में जांच करना ईडी की जिम्मेदारी है।  यह कहते हुए खंडपीठ ने पूछताछ के दौरान वकील की उपस्थिति से जुड़ी देशमुख की मांग को स्वीकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है।


 

Created On :   1 Nov 2021 9:29 PM IST

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