सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद वेबसाइट पर क्यों नहीं अपलोड हो रही एफआईआर, चार सप्ताह में जानकारी पेश करने के निर्देश

Despite the order of the Supreme Court, why is the FIR not being uploaded on the website
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद वेबसाइट पर क्यों नहीं अपलोड हो रही एफआईआर, चार सप्ताह में जानकारी पेश करने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद वेबसाइट पर क्यों नहीं अपलोड हो रही एफआईआर, चार सप्ताह में जानकारी पेश करने के निर्देश

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता को राज्य सरकार से इस आशय की जानकारी लेने का निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी वेबसाइट पर क्यों नहीं एफआईआर अपलोड की जा रही है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने जानकारी पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। सिवनी निवासी अधिवक्ता रविन्द्र नाथ त्रिपाठी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2016 में आदेश पारित किया कि थानों में दर्ज होने वाली एफआईआर को पुलिस बिना विलंब किए वेबसाइट पर अपलोड करे, ताकि संबंधित पक्षों को जानकारी हो सके। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। किसी भी थाने में वेबसाइट पर एफआईआर को अपलोड नहीं किया जा रहा है। जब पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है तो देश में विधि का शासन कैसे स्थापित होगा।
सिवनी पुलिस नहीं कर रही आदेश का पालन 
याचिका में कहा गया है कि सिवनी जिले में 14 पुलिस थाने हैं, लेकिन एक भी पुलिस थाने में एफआईआर को वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह से अधिवक्ताओं को जमानत आवेदन दायर करने में परेशानी होती है। जिला मजिस्ट्रेट से शिकायत करने पर भी मामले का निराकरण नहीं किया जा रहा है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पुलिस को निर्देश दिए जाएँ कि एफआईआर को वेबसाइट पर अपलोड किया जाए।
 

Created On :   21 Jan 2021 9:20 AM GMT

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