बिजली तारों की पुनर्रचना का खर्च पहले तय करें : हाईकोर्ट

Determine the cost of reconstruction of power wires first high court
बिजली तारों की पुनर्रचना का खर्च पहले तय करें : हाईकोर्ट
बिजली तारों की पुनर्रचना का खर्च पहले तय करें : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मनपा, नासुप्र, जिला प्रशासन और बिजली कंपनी को यह तय करने के लिए कहा है कि बिजली के तारों की पुनर्रचना के लिए कौन, कितना खर्च उठाएगा और यह प्रोजेक्ट लागू कैसे किया जाएगा। दरअसल, हाईटेंशन से हो रहे जानलेवा हादसों पर कोर्ट ने सू-मोटो जनहित याचिका दायर कर रखी है। कोर्ट द्वारा गठित विशेष समिति ने शहर का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट में शहर के असुरक्षित बिजली के तारों की पुनर्रचना का सुझाव दिया है। समिति ने इस काम का विस्तृत ब्योरा हाईकोर्ट को सौंपा है, जिसमें बताया गया है कि शहर में 3284 नागरिकों ने बिजली तारों के समीप अनधिकृत निर्माणकार्य किया है। अब कुछ जगह तारों को नई दिशा देनी होगी, कुछ तारों काे अंडरग्राउंड करना होगा और कुछ निर्माणकार्य तोड़ने पड़ेंगे।  इस पूरे काम में कुल 26 करोड़ 41 लाख रुपए का खर्च आएगा। समिति ने यह खर्च महावितरण, महापारेषण, स्पैनको एसएनडीएल, जिलाधिकारी, मनपा और उल्लंघनकर्ताओं से वसूलने की सिफारिश की है। इसके बाद कोर्ट ने स्थानीय निकायों से जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई 22 अगस्त को रखी गई है। इसी प्रकरण में आर्मर बिल्डर्स ने अपनी संपत्ति डी-फ्रीज करने की अर्जी जोड़ रखी है। इस पर भी 22 को सुनवाई होगी। मामले में एड.श्रीरंग भंडारकर न्यायालयीन मित्र की भूमिका में हैं। 

यह है मामला
बता दें कि शहर में कुछ वर्षों पूर्व दो छोटे बच्चों की हाईटेंशन तारों के संपर्क में आने से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद भी ऐसे अन्य मामले सामने आए थे, जिसके बाद कोर्ट ने सूू-मोटो जनहित याचिका दायर की थी।  मामले में मदद के लिए एक विशेष समिति भी गठित की गई थी। समिति ने शहर में अनेक निर्माणकार्य नियमों के विरुद्ध पाया। शहर में बगैर सोचे-समझे हुए इस विकास के लिए समिति ने नासुप्र और मनपा काे काफी हद तक जिम्मेदार बताया है। वहीं, अनधिकृत निर्माणकार्यों में बिजली आपूर्ति करने के लिए महावितरण और एसएनडीएल भी जिम्मेदार ठहराया। समिति ने कोर्ट को पूर्व मंे बताया था कि उन्हें 3,934 परिसरों में बिजली नियमों को उल्लंघन होता मिला था। इसमें 3100 रिहायशी, 650 व्यावसायिक और 122 औद्योगिक इकाइयों का समावेश है। इसमें से 90 प्रतिशत लोगों ने मंजूर प्रारूप का उल्लंघन करके निर्माणकार्य किया है। समिति ने इन लोगों पर जुर्माना लगाने के साथ ही हाईटेंशन तारों पर इनसुलेटर लगाने, अंडरग्राउंड केबलिंग करने या फिर उनकी दिशा बदलने में से कोई एक विकल्प चुनने की सिफारिश की है। 

Created On :   2 Aug 2019 6:49 AM GMT

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