20 करोड़ का डेवलपमेंट, लेकिन फिर भी 22 उद्यमियों ने की बुकिंग कैंसिल

Development of 20 crores, but still 22 entrepreneurs booked booking
20 करोड़ का डेवलपमेंट, लेकिन फिर भी 22 उद्यमियों ने की बुकिंग कैंसिल
20 करोड़ का डेवलपमेंट, लेकिन फिर भी 22 उद्यमियों ने की बुकिंग कैंसिल


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। लहगडुआ औद्योगिक क्षेत्र के डेवलपमेंट को लेकर मचे हल्ले की हवा एक महीने में ही निकल गई। 86 में से 22 उद्यमियों ने प्लॉट बुक कराने के चंद दिनों के भीतर ही बुकिंग कैंसिल करवा दी है, जबकि 20 करोड़ खर्च करने के बाद एकेवीएन द्वारा लहगडुआ औद्योगिक क्षेत्र को डेवलप करने का दावा किया गया था, लगातार बुकिंग कैंसिल कराए जाने के बाद अब एकेवीएन के अफसर भी सकते में हैं।
लगातार आ रही औद्योगिक इकाइयों की डिमांड के बाद शासन ने लहगडुआ में नया औद्योगिक क्षेत्र डेवलप किया था। 35 एकड़ के इस बड़े रकबे को डेवलप करने के लिए 20 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बाद उद्योगपतियों को उम्मीद थी कि यहां पर तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। दिसंबर में बुकिंग शुरू की गई और महज दो दिनों के भीतर ही सभी प्लॉट शहर के उद्यमियों ने ऑनलाइन बुक कर दिए, लेकिन जब मौके का निरीक्षण किया गया तो बुकिंग कराने वाले उद्यमी भी सकते में आ गए। यही वजह है कि महज एक महीने के अंदर 22 प्लॉटों की बुकिंग कैंसिल करवाई जा चुकी है। सुविधाओं का सपना दिखाकर अधिकारियों ने अनडेवलप एरिया की बुकिंग करवा दी। बुकिंग कैंसिल करवाने का सिलसिला अभी थमा नहीं है। प्लॉट देखने के बाद ऐसे एक दर्जन लोग कतार में हैं जो ये कह रहे हैं कि वे भी यहां प्लॉट नहीं ले सकते हैं।
इन दो वजहों से कैंसिल कर बुकिंग
प्लॉटों में गड्ढे
बिक्री के समय कहा जा रहा था कि पूरे एरिया को डेवलप करके दिया जाएगा,लेकिन  पहाड़ी पर बनाए गए औद्योगिक क्षेत्र में जहां-तहां गड्ढे बने हुए हैं। जहां इकाइयों की स्थापना करने में ही उद्यमियों को लाखों रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
पानी की समस्या
बाकी औद्योगिक क्षेत्रों की तरह यहां भी पानी की बड़ी समस्या है। जिस वजह से भी उद्यमी यहां अब प्लॉट लेने से संकोच कर रहे हंै। उद्योगपतियों का कहना है कि बिना पानी के यहां पर किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा कर पाना संभव नहीं है।
दावा... 20 करोड़  खर्च, लेकिन गड्ढे ही नहीं भरे
एकेवीएन के अधिकारियों का दावा है कि लहगड़ुआ औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए अभी तक 20 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हंै, लेकिन मौके की स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि डेवलपमेंट के नाम पर सिर्फ सड़क निर्माण के अलावा कोई ठोस कार्य नहीं किया गया। मूल समस्या यहां पहाड़ी क्षेत्र को समतल करना था, ताकि इकाइयां शुुरू हो सकें, लेकिन इसमें बड़ी लापरवाही बरती गई। इसी एक बड़ी वजह के कारण अब तक इतनी बड़ी संख्या में बुकिंग कैंसिल हो चुकी है।
अब आगे क्या...
जिन प्लॉटों की बुकिंग कैंसिल हुई है, उन प्लॉटों को फिर से बिक्री के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। नए सिरे से प्रक्रिया होगी। जिसको भी ऑनलाइन बुक करवाया जा सकेगा।
इनका कहना है
॥कुछ लोगों ने उत्साह में बुकिंग करवाई थी। प्रोजेक्ट प्लान मांगने पर ये जमा नहीं कर रहे थे। जो प्लॉट कैंसिल हुए हैं, उनकी फिर से बुकिंग शुरू की जाएगी।
-एसएल धुर्वे
एमडी, एकेवीएन, जबलपुर

Created On :   6 Jan 2021 11:03 PM IST

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