भक्त हाथों में हजार फुट लंबा भगवा ध्वज थाम निकले, काफी संख्या में महिलाएं हुईँ शामिल

Devotees came out holding the saffron flag more than a thousand feet on hands
भक्त हाथों में हजार फुट लंबा भगवा ध्वज थाम निकले, काफी संख्या में महिलाएं हुईँ शामिल
खास आकर्षण भक्त हाथों में हजार फुट लंबा भगवा ध्वज थाम निकले, काफी संख्या में महिलाएं हुईँ शामिल

डिजिटल डेस्क, यवतमाल. स्थानीय तिवारी चौक स्थित राम मंदिर से रविवार सुबह 9 बजे हजार फुट से ज्यादा लंबा भगवा ध्वज निकाला गया। यह ध्वज महिलाए हाथों में पकडकर राम मंदिर से बैंक ऑफ इंडिया, दत्त चौक की ओर बाजे और डीजे के साथ ले जाती नजर आईं। कई रामभक्त इसमें शामिल हुए थे। उल्लेखनिय है कि 2020 की मार्च से कोरोना की पाबंदी लग गई थी। जिसकी वजह से 2 वर्ष तक कोई भी उत्सव, त्यौहार मनाने में पाबंदी लगा दी गई थी। अबकी बार कोरोना मरीज जिले में एक भी  नही है। जिसके चलते कोरोना की पाबंदी हटी है। फिर भी सावधानियां बरतीं जा रही हैं। राम नवमी उत्सव मनाने की मंजूरी मिली है। चैत्र की नवमी भगवान रामजी का जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस बार अनोखे अंदाज में उत्सव हटकर मनाने की संकल्पना रामभक्तों ने रखी थी। उसी के तहत यह एक हजार फुट से अधिक लंबा भगवा ध्वज मंदिर के पास से निकाला गया। जिसे देखने रास्ते के दोनों ओर आवागमन करनेवाले लोग रूक गए थे। कुछ लोग सेल्फी निकाल रहे थे, तो कुछ लोग जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे। डीजे पर भगवान राम के गीत बज रहे थे। सैकडों युवा शामिल हुए थे। बाईक रैली में हर बाईक पर भगवा झंडा लगा था। अधिकांश युवा सफेद कपड़े पहने दिखे।  रविवार तड़के राम मंदिर से राम नवमी उत्सव मनाने की शुरूवात हुई। 

चैत्र नवरात्री का हुआ समापन

चैत्र की नवरात्री का समापन रामनवमी के उत्साह में हुआ। घर-घर घट विराजमान हुए थे। इन 9 दिनों में सुबह शाम पूजा अर्चना  होती रही। कई लोगों ने नवरात्री में फलाहार कर उपवास किया। कुछ लोगों ने पहले दिन और अष्टमी के दिन का उपवास रखा था। स्थानीय आठवडी बाजार के दुर्गामाता मंदिर में सुबह शाम भीड़ लगी रही थी। यहां स्थित शीतलामाता को महिलाएं तड़के 4 बजे से जलाभिषेक करने के लिए आती रहीं। अष्टमी और नवमी को जिले में अधिकांश घरों में घट स्थापना की गई थी, होम हवन किया गया। इसके साथ ही 9 कन्या पूजन, उन्हें भोजन और शक्ति के अनुसार भेटं में फल दिए गए। इस प्रकार नवरात्री में वातावरण भक्तिमय बन गया था। सुबह शाम आरती होती रही थी।

Created On :   10 April 2022 10:55 AM GMT

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