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प्रतिबंध के बाद भी नागद्वारी जा रहे श्रद्धालु - अब तीन दिन बढ़ेगी भीड़

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । प्रसिद्ध नागद्वारी मेले पर दो साल से कोविड के कारण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इस साल भी 2 अगस्त से 13 अगस्त तक होने वाली कठिन नागद्वारी यात्रा को स्थगित कर मेले पर प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन जिले के जुन्नारदेव और दमुआ से होकर जाने वाले मार्गों से कुछ श्रद्धालुओं के नागद्वारी यात्रा पर जाने की सूचना मिल रही है। अब नागपंचमी के केवल दो दिन शेष हैं। इन दिनों में यात्रा क्षेत्र में भीड़ बढऩे की संभावना है। सावन माह में होने वाली कठिन नागद्वारी यात्रा पर प्रतिबंध है। इस यात्रा के लिए वन विभाग 15 दिन वन क्षेत्र में भ्रमण की अनुमति एक विशेष मार्ग से जारी करता है। इसी अनुमति के बाद यात्रा का शुभारंभ होता है। यात्रा में कोई घटना या दुर्घटना के लिए पुलिस और वन विभाग की टीम तैयार रहती है, लेकिन दो साल से यात्रा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। इसलिए वन विभाग ने भी अनुमति जारी नहीं की है और कोई भी प्रशासनिक तैयारी इस यात्रा के लिए नहीं है। इन परिस्थितियों में भी लोग नागद्वारी यात्रा कर रहे हैं जो खतरनाक साबित हो सकता है। जिले से निकलने वाले मार्गों पर कुछ यात्री देखे जा रहे हैं। ये यात्री कठिन पहाडिय़ों से यात्रा कर नागद्वारी पहुंचेगे। हालांकि फिलहाल वन क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन आगामी दो दिनों में इस क्षेत्र में भीड़ बढ़ सकती है।
नागपंचमी पर काजली लगाने की है मान्यता
नागद्वारी की विश्वप्रसिद्ध यात्रा सतपुड़ा पर्वत श्रंृखला की सात दुर्गम पहाडिय़ों से की जाती है। नागपंचमी पर इस यात्रा का विशेष महत्व है। मान्यता अनुसार मानता करने वाले श्रद्धालु नागपंचमी पर नागद्वारी में बने सर्पाकार मूर्ति की आंख में काजल लगाते हैं। तब यात्रा पूर्ण होती है। मेले के दौरान भी इन पहाडिय़ों पर श्रद्धालुओं के लिए कोई खास व्यवस्थाएं नहीं होती, लेकिन बहुत सारे श्रद्धालु यात्रा के दौरान एक-दूसरे का सहयोग कर लेते हैं। इस साल यात्रा पर प्रतिबंध होने के कारण बहुत कम श्रद्धालु यात्रा पर जाते देखे जा रहे हैं।
Created On :   12 Aug 2021 5:36 PM IST