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मधुमेह में होती है फैटी लिवर की शिकायत, 30 से 40 प्रतिशत होते हैं प्रभावित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मधुमेह और फैटी लिवर की स्थिति ऐसी है कि, यदि किसी भी मरीज को एक शिकायत है, तो दूसरी होने की आशंका बनी रहती है। मधुमेहियों में 30 से 40 फीसदी फैटी लिवर की शिकायत देखी गई हैं, जो बहुत ही घातक है। यह बात पद्मभूषण डॉ. अंबरीश मित्तल ने कही। होटल सेंटर प्वाइंट में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज कांफ्रेंस में बोल रहे थे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कांचन गडकरी, कार्यशाला के चेयरमैन डॉ. सुनील गुप्ता, सचिव कविता गुप्ता, एंड्रोक्रोनोलॉजिस्ट डॉ. सुनील जैन, डॉ. राजीव चावला, डॉ. एलन एलमेंडा, डॉ. विजय नेगलूर, डॉ. अजय अंबाडे, डॉ. सरिता उगेमुगे, डॉ. मोहित झामड़ प्रमुखता से उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि, सिरोसिस होने के कारण लिवर पर पहले सूजन आती है और धीरे-धीरे वह सिकुड़ने लगता है। कुछ समय बाद लिवर फैल होने के कारण काम करना बंद कर देता है, इसलिए हमें आधुनिक जीवन शैली में खाने पर विशेष ध्यान देना होगा और मैदा, सफेद ब्रेड, फैट, तला हुआ, कुछ बिस्कुट खाने से बचना होगा। प्रोसेड फूड खाने से बचें और यह भी ध्यान दें कि, आटा बारिक पीसने के कारण उसमें फायबर नहीं बचता है। इसलिए फायबर युक्त खाना खाएं और कार्बोहाइड्रेड होने से नुकसान पहुंचता है। एक तेल में बार-बार किसी चीज को तलने से उसमें ट्रांसफैट होता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। सरकार नियम तय कर रही है कि, किसी भी पैक्ड सामान में कितना ट्रांसफैट उसे प्रिंट करें।
उल्लेखनीय है कि डायबिटीज होने के बाद इसे यदि कंट्रोल में न रखा जाए तो अन्य बीमारियां भी घेरने लगती है इसलिए डाक्टर्स और विशेषज्ञ डायबिटीज कंट्रोल में रखने की सलाह देते हैं। डायबिटीज कंट्रोल में रखने के लिए घरेलू तरीके भी कारगर साबित होते हैं।
नई दवाओं से हो रहा फायदा
जीएलपी वन इंजेक्शन शुगर के साथ-साथ फैट को कम करता है। एसजीएलटी टू दवा भी शुगर को नियंत्रित करने के साथ फैट को कम करती है।


Created On :   9 July 2018 4:19 PM IST