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वॉउचर बुक चुराकर कंपनी के नाम से खरीद रहा था डीजल , 7 लाख की धोखाधड़ी कर आरोपी फरार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कंपनी की गाड़ी चलानेवाले एक ड्राइवर ने कंपनी से डीजल को लेकर धोखाधड़ी की। एक माह में कंपनी के नाम पर 10 हजार 400 लीटर खरीदकर बेच दिया। 7 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी का भंडाफोड़ होते ही आरोपी फरार हो गया। कंपनी ने आरोपी के एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। पुलिस हवालदार विजय नेमाडे ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरु कर दी है।
जानकारी के अनुसार आरोपी संतोष कुमार दुबे है। वह और उसके दोस्त एमआईडीसी में इलेक्ट्रॉनिक जोन चौक के पास एक कंपनी में वाहन क्रमांक एमएच 40 वाय 9481 पर कार्यरत था। इस कंपनी ने किसी ओर से एक साल के लिए यह वाहन किराये पर लिया था। कंपनी को आये दिन अधिकारियों आदि के साथ बाहर गांव या शहर में घूमने के लिए वाहन की जरूरत पड़ती थी। ऐसे में कंपनी ने हिंगणा नाका के पास एक पेट्रोल पंप से टायप कर वॉउचर बुक बनाया था। जब भी गाड़ी में डीजल भरना रहता, कंपनी ड्राइवर को हस्ताक्षर कर एक वॉउचर देती थी। जिसके बाद संबंधित पेट्रोल पंप से ड्राइवर डीजल भरता था। लेकिन गत एक माह पहले आरोपी ड्राइवर ने कंपनी से वह वाउचर बुक ही चुरा लिया।
1 सितंबर से 4 अक्तूबर तक खुद ही वाउचर पर हस्ताक्षर कर डीजल लेकर अपने निजी काम के साथ डीजल बेचने लगा। हर माह पेट्रोल पंप से 4 तारीख को कंपनी को बिल आते थे। लेकिन इस बार ज्यादा समय होने के बाद भी बिल नहीं आया था। ऐसे में कंपनी के अधिकारियों ने पंप से इस संबंध में जानकारी ली तो बताया गया कि, आरोपी के पास इसका बिल दिया है। बिल की राशि बताते ही कंपनीवालों के होश उड़ गये। डीजल का बिल 7 लाख 13 हजार 852 रुपये था। ऐसे में ड्राइवर से इस संबंध में पूछताछ करने की कोशिश करने के पहले ही भाग गया है। फरियादी राहुल नामदेव बोरकर (28) निवासी संत गाडगे नगर की शिकायत पर आरोपी ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपी व उसके दोस्तों की तलाश कर रही है।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।