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मेडिकल वेस्ट सामान्य कचरे में फेंकने पर जुर्माना अलग-अलग, कार्रवाई में पक्षपात से रोष
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल वेस्ट यानी अस्पताल से निकलने वाला कचरा सामान्य कचरे में फेंकना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उसे सामान्य कचरे में फेंकने पर जुर्माना वसूल किया जाता है। जुलाई से सितंबर तक हुई विविध कार्रवाई में अस्पताल तथा पैथालॉजी लैब पर लगाए गए जुर्माने की रकम में विषमता है। जुर्माने का कोई मापदंड नहीं है। अधिकारी अपनी मर्जी से जुर्माना तय करते हैं। मनपा प्रशासन की मनमानी पर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े व्यावसायियों में रोष है।
एनडीएस करता है कार्रवाई : सामान्य कचरे में मेडिकल वेस्ट मिलाने वालों पर एनडीएस को कार्रवाई के अधिकार दिए गए हैं। सभी जोन में एनडीएस की टीम तैनात है। अपने कार्यक्षेत्र में मेडिकल वेस्ट सामान्य कचरे में फेंकनेवालों पर एनडीएस के जवान नजर रखते हैं। पकड़े जाने पर संबंधित अस्पताल प्रबंधन के िखलाफ कार्रवाई कर जुर्माना वसूल किया जाता है। संबंधित जोन सहायक आयुक्त के निर्देश पर जुर्माने की रकम तय की जाती है।
जुर्माने में विषमता की मिसालें
जुलाई से लेकर सितंबर तक विविध अस्पताल तथा पैथालाॅजी लैब के िखलाफ मेडिकल वेस्ट सामान्य कचरे में फेंकने पर कार्रवाई की गई। जुर्माने की रकम में विषमता की कुछ मिसालें हमारे सामने हैं। 21 जुलाई को धंतोली के अक्लीन पैथालाॅजी लैब पर 1 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया। 12 अगस्त को हुडकेश्वर के पराते पैथालॉजी लैब से 25 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया। उसी महीने में 25 तारीख को रामदासपेठ स्थित शुश्रुत अस्पताल पर 1 लाख रुपए दंड ठोंका गया। 2 सितंबर को हनुमान नगर जोन के क्रीड़ा चौक स्थित ओजस हेल्थ केयर अस्पताल पर 25 हजार और एक अन्य पैथालॉजी लैब पर 40 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। 22 सितंबर को लक्ष्मी नगर जोन अंतर्गत सुभाष रोड स्थित आदर्श पैथालॉजी लैब से 10 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया।
अधिकारी का तर्क
अधिकारियों ने तर्क दिया कि कचरे के प्रमाण अनुसार जुर्माना लगाने का अधिकार है। कार्रवाई करने पर जुर्माने की रसीद दी जाती है। कहां कितना मेडिकल वेस्ट सामान्य कचरे में फेंका गया, इसका कोई प्रमाण नहीं है।
Created On :   25 Sept 2022 6:14 PM IST