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दिव्यांगों को एसटी में यात्रा के लिए नहीं काटने होंगे चक्कर, जानिए - क्यों लेट हुई बसें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिव्यांगों को एसटी बस में यात्रा सुविधा का लाभ लेने के लिए अस्पताल से लेकर कई कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं। संबंधित कार्यालयों से हरी झंडी मिलने के बाद ही दिव्यांग एसटी बस में मुफ्त यात्रा का हकदार बनता है। अब केवल यूडीआईडी स्मार्ट कार्ड दिखाने पर ही दिव्यांग को इसका लाभ मिलेगा। जिला परिषद के समाज कल्याण व एसटी डिपो में जाने की झंझट से निजात मिलेगी। केंद्र सरकार ने दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग के माध्यम से दिव्यांग अधिनियम 2016 (पीडब्ल्यूडी कायदा) पूरे देश में लागू किया है। इस अधिनियम में 21 प्रकार के दिव्यांगों को शामिल किया गया है। दिव्यांग को यूडीआईडी स्मार्ट कार्ड दिया जाता है। अब यूनिक डिसएबिलिटी आइडेंटिफिकेशन (यूडीआईडी) कार्ड पूरे देश में चलेगा। दिव्यांग देश भर में एसटी से मुफ्त यात्रा कर सकेगा। फिलहाल दिव्यांग को सरकारी अस्पताल से दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाना होता है। जिला परिषद के समाज कल्याण विभाग में इसका पंजीयन करना होता है। जिला परिषद की तरफ से दिव्यांग कार्ड जारी किया जाता है। दिव्यांग जिस इलाके में रहता है, वहां के एसटी डिपो के मैनेजर की उस पर सही व मुहर लगानी पड़ती है। इसके बाद यह कार्ड एसटी में मुफ्त यात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। नई व्यवस्था के तहत अब दिव्यांग जब अस्पताल से दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाएगा, उसी वक्त उसे यूडीआईडी कार्ड जारी किया जाएगा। यह कार्ड दिव्यांग के घर पहुंचेगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी अनिल वालके ने दिव्यांग लाभार्थियों को इस योजना का लाभ लेने का आह्वान किया है। यह कार्ड होने पर यात्रा शुल्क में राहत के लिए अन्य कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी।
फंड नहीं मिलने से हुआ डीजल का टोटा, लेट चलीं एसटी बसें
एसटी महामंडल की बसों के लिए मंगलवार को डीजल कम पड़ा है। गणेशपेठ डिपो का डीजल खत्म होने से घाट रोड डिपो में बसों की लंबी कतार दिनभर लगी रही। इस कारण रामटेक व सावनेर की ओर जाने वाली कई बसें निर्धारित समय पर चल नहीं सकीं। परिणामस्वरूप यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रशासन की मानें तो फंड के अभाव में सभी डिपो में डीजल उपलब्ध नहीं हो सका।
निलेश बेलसरे, विभाग नियंत्रक, एसटी महामंडल के मुताबिक फंड के अभाव में कुछ डिपो में डीजल टैंकर नहीं भेजे गए। ऐसे में घाट रोड डिपो से ही गणेशपेठ बस स्टैंड की बसों में डीजल भरना पड़ा। मैनुअली पंप होने से थोड़ा समय लगा, जिस कारण सावनेर व रामटेक की ओर जाने वाली बसें आधा घंटा देरी से चलीं।
सावनेर व रामटेक की बसें हुईं लेट
नागपुर विभाग में कुल 8 डिपो हैं, जिसमें नागपुर में चार और ग्रामीण क्षेत्र में 4 हैं। नागपुर शहर में गणेशपेठ, घाटरोड, वर्धमान नगर व डालडा फैक्ट्री रोड डिपो शामिल है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में काटोल, सावनेर, उमरेड व रामटेक शामिल है। सभी डिपो से प्रतिदिन करीब 100 बसें विभिन्न दिशा में निकलती हैं। ऐसे में इन्हें अपने-अपने डिपो से डीजल भरना पड़ता है, ताकि समय का पालन हो सके। लेकिन मंगलवार को ग्रामीण व शहर इलाकों के गणेशपेठ व ग्रामीण क्षेत्र के सावनेर व रामटेक डिपो में फंड के अभाव में डीजल टैंकर नहीं भेजे गए। जिसके कारण इन बसों को डीजल भरने के लिए घाट रोड डिपो के पेट्रोल पंप पर आना पड़ा। बसों की संख्या इतनी ज्यादा थी, कि एक किमी तक बसों की डीजल भरने के लिए लाइन लग गई थी। जिससे एक ओर ट्रैफिक की समस्या हुई, वहीं बसें समय पर यात्रियों को लेकर नहीं निकल सकीं। सावनेर व रामटेक की ओर जाने वाली आधा दर्जन से ज्यादा बसें एक घंटे तक देरी से निकलीं, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
एक दिन में 3 एसटी बसें फेल, यात्री होते रहे परेशान
मंगलवार का दिन एसटी बस के यात्रियों के लिए परेशानी से भरा रहा। जिसका मुख्य कारण बसों का लगातार फेल होना रहा। नागपुर डिपो के साथ चिमूर व तिरोड़ा डिपो की बसें शाम के वक्त एक साथ फेल हो जाने से इन्हें सुधारने में घंटों लग गए। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एसटी बस चंद्रपुर से नागपुर आ रही थी, नागपुर में चिचभवन के पास बस का एक टायर पंक्चर हो गया। गाड़ी में जैक नहीं था, ऐसे में गणेशपेठ डिपो से मदद मांगी गई। डिपो घटनास्थल से महज 10 किमी की दूरी पर है। बावजूद 3 घंटे तक बस तक मदद नहीं पहुंच सकी। यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ा।
दूसरी बस खापरी में बंद हो गई
खापरी परिसर में तिरोड़ा डिपो की बस बंद हो गई। इस बस में यात्री भरे हुए थे। एक-डेढ़ घंटे बाद बाद यहां मदद पहुंचाई गई। बस को दूसरी बस की मदद से गणेशपेठ डिपो लाना पड़ा।
तीसरी बस
दिघोरी में बीच रास्ते में फेल
चिमूर से यात्रियों को लेकर आने वाली बस दिघोरी के पास फेल हो गई। इसमें भी यात्री मौजूद थे। यात्रियों को दूसरी बस से भेजा गया। ड्राइवर व कंडक्टर बस वहीं छोड़ गणेशपेठ डिपो पहुंचे। रात को दूसरी बस की सहायता से बस को डिपो लाना पड़ा। बसों का इस तरह से खराब होना, इनके रख-रखाव को लेकर सवाल खड़े कर रहा है।
Created On :   23 Dec 2020 5:35 PM IST