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सरकारी GR से शिक्षकों में फूट, बढ़ रही है असंतुष्टि - डायगव्हाणे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व शिक्षक विधायक एवं महाराष्ट्र राज्य शिक्षक महामंडल मुंबई के अध्यक्ष विश्वनाथ डायगव्हाणे ने कहा कि राज्य सरकार के नए नए जीआर के चलते न केवल शिक्षा क्षेत्र के नियमों में नित बदलाव हो रहे हैं, बल्कि इससे शिक्षकों में असंतुष्टि बढ़ती जा रही है। जल्द ही ऐसी स्थिति होगी कि आश्रमशाला के शिक्षकों के लिए ‘काम नहीं, तो वेतन नहीं’ की नौबत आ सकती है। ऐसे में शिक्षक और शिक्षकेत्तर संगठनों को एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है। शिक्षकों के बीच दरार डालने वाले ऐेसे जीआर की होली जलाना चाहिए। डायगव्हाणे विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलस्तरीय अधिवेशन में बोल रहे थे।
वरिष्ठ और कनिष्ठ शिक्षकों में दरार
उन्होंने कहा कि सरकार के जीआर के कारण वरिष्ठ और कनिष्ठ शिक्षकों में दरार पड़ रही है। ऐसे सरकारी निर्णयों की होली जलानी चाहिए। इस कार्यक्रम का उद्गाटन पूर्व प्रांतीय उपाध्यक्ष दत्तात्रय मिर्जापुरे के हाथों किया गया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र राज्य शिक्षक महामंडल उपाध्यक्ष आनंदराव कारेमोरे और प्रमुख अतिथि के रूप में विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संगठन के श्रावण बरडे, सुधाकर अडबाले, अरविंद देशमुख, लक्ष्मण राठोड, रमेश काकडे, अविनाश बढे, प्रमोद रेवतकर, विठ्ठल जुनघरे, महेंद्र सालंगकर, अशोक थुल और अन्य सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर उपस्थित मान्यवरों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने शिक्षकों से एकजुट रहने का आह्वान इस अवसर पर किया।
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग
कार्यक्रम में उपस्थित थुल ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें राज्य के कर्मचारियों को लागू करने की मांग रखी। इस दौरान नागपुर जिला कार्यकारणी की भी घाेषणा की गई। इसमें अध्यक्ष अनिल गोतमारे, कार्यवाह संजय वारकर, सरकार्यवाह अरुण कराले, विजय गोमकर, उपाध्यक्ष विष्णु राणे, पुरुषोत्तम ढगे, कोषाध्यक्ष दिनेश ढगे का चयन किया गया। नए पदाधिकारियों ने पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने का विश्वास दिलाया। कार्यक्रम की प्रस्तावना संजय वारकर ने रखी। संचालन अनिल गोतमारे ने और आभार प्रदर्शन पितांबर खंते ने किया। रिपोर्ट वाचन धनराज राऊत ने किया।
Created On :   5 March 2018 1:17 PM IST