नीलगांव-बोरगांव क्षेत्र में वन्य पशुओं पर आफत

Disaster on wild animals in Nilgaon-Borgaon area
नीलगांव-बोरगांव क्षेत्र में वन्य पशुओं पर आफत
 पाटणसावंगी नीलगांव-बोरगांव क्षेत्र में वन्य पशुओं पर आफत

डिजिटल डेस्क, पाटणसावंगी. नीलगांव-बोरगांव शिवार में वेकोलि की नर्सरी व बंजर जमीन विगत कुछ वर्षों में वन्य पशुओं का निवास बन गई है। इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में नीलगाय, जंगली सुअर व अन्य जंगली पशुओं के झंुड़ दिखाई देने लगे हैं। यह पशु दिनभर नर्सरी के पेड़ों व खान के गड्ढों में छिपे रहते हैं और शाम होते ही चरने के लिए बाहर निकलते हैं। इसी परिसर से गौंडखैरी-सावनेर फोर लेन मार्ग होने से यहां वाहनों की भारी आवाजाही रहती है। शाम को यह पशु चारे की तलाश में इस मार्ग को पार करने के प्रयास में आए दिन दुर्घटना का शिकार होते हैं। 

वाहन चालक भी चोटिल हो रहे हैं

यही नहीं, भारी वाहनों से टकराने से पशुओं के जान पर बन आती है। कई बार पशु दोपहियां वाहनों से टकराने से यहां वाहन चालक भी चोटिल हुए हैं। हाल ही में नीलगांव क्षेत्र में एक तेंदुए को वन विभाग ने जेरबंद किया। विभाग ने संभावना जताई थी कि, किसी पशु का पीछा करता हुआ यह तेंदुआ इस क्षेत्र में आ गया होगा। जिससे इस बात को नकारा नहीं जा सकता की शिकार की तलाश में अन्य हिंसक पशु भी इस ओर रूख करने लगेंगे। 

मार्ग पर नहीं लगे हैं फलक

बड़ी संख्या में वन्य पशुओं की मौजूदगी के बावजूद वन विभाग व एनएएचआई द्वारा इस मार्ग पर किसी भी प्रकार के फलक नहीं लगाए गए हैं, जिससे वाहन चालकों को धीरे वाहन चलाने की अपील की जा सके। 
चोटिल चालक को खर्च देने का प्रयास : जिस क्षेत्र में वन्य पशु व उनकी वजह से वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं वहां मार्ग पर वाहन चालकों को वाहन धीरे चलाने की अपील करने वाले फलक विभाग द्वारा लगाए जाएंगे। इस प्रकार की दुर्घटना होने पर 24 घंटे के भीतर वन विभाग को सूचित करने पर घायल वाहन चालकों के इलाज का खर्च देने का भी प्रयास किया जाएगा।
-अर्चना नौकरकर, वन परिक्षेत्र अधिकारी, कलमेश्वर

Created On :   22 April 2022 5:15 PM IST

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