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निजी अस्पतालों की समस्याओं को लेकर देवेंद्र फडणवीस से हुई चर्चा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इसी बीच भाजपा चिकित्सा आघाड़ी विदर्भ समन्वयक डॉ. विंकी रुघवानी और पूर्व विदर्भ संयोजक डॉ. अनूप मरार ने शनिवार को विरोधी पक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की। चर्चा का विषय ‘निजी व गैर सरकारी कोविड अस्पतालों के कार्यक्षेत्र की वास्तविकता’ था। इस दौरान डॉ. रुघवानी ने बताया कि लगभग 75 प्रतिशत मरीजों के इलाज में निजी अस्पतालों ने सेवा दी है। निर्धारित शुल्क व ऑडिट आरोपण के अलावा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलना, रेमडेसिविर की कमी, भर्ती से पहले अपर्याप्त राशि का उपनियम, बिल भुगतान के वक्त असमानता को लेकर होने वाले संघर्षों से स्वास्थ्य सेवकों का मनोबल डगमगा गया है। इसके कारण स्वास्थ्यकर्मी भी शांति से कार्य नहीं कर पा रहे हैं।
6 डोज देना जरूरी
डॉ. अनूप मरार ने बताया कि सप्ताह में कुछ दिन ही रेमडेसिविर मिला, वह भी 30-50 प्रतिशत। कोरोना की दूसरी लहर में गंभीर मरीज ही आ रहे हैं। उन मरीजों को रेमडेसिविर के 6 डोज देना जरूरी है। ऐसे में उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला तो अन्याय होगा। चिकित्सा की जिम्मेदारी चिकित्सकों पर छोड़ देना चाहिए। इंजेक्शन, दवाई, वेंटिलेटर का इस्तेमाल कब और कितना करना है, यह बांध दिया जाएगा तो इलाज कैसे करेंगे। इन विषयों पर देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि वे संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। राज्य प्रमुख डॉ. अजित गोपचडे के मार्गदर्शन में किए गए कार्यों के लिए देवेंद्र फडणवीस ने अभिनंदन किया।
Created On :   25 April 2021 4:54 PM IST