मुख्य स्टैंड पर बसाें की तुलना में कम पड़ रहे प्लेटफार्म, अब लाल बस का ही सहारा

Disorder : Platforms falling less than buses on the main stand
मुख्य स्टैंड पर बसाें की तुलना में कम पड़ रहे प्लेटफार्म, अब लाल बस का ही सहारा
अव्यवस्था मुख्य स्टैंड पर बसाें की तुलना में कम पड़ रहे प्लेटफार्म, अब लाल बस का ही सहारा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गणेशपेठ बस स्टैंड में इन दिनों प्लेटफार्म की कमी खल रही है। इसके कारण बाहर से आने वाली बसों को बीच में रोका जा रहा है। ऐसे में एक ओर जहां यातायात प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर दुर्घटना की आशंका भी बन रही है। बताया गया कि, कुछ समय पहले बसों की संख्या देखते हुए यहां 11 नए प्लेटफार्म बनाए जाने थे, लेकिन अब तक प्रस्ताव ठंडे बस्ते में होने से साकार नहीं हो सका। आगामी दिनों में बसों की संख्या बढ़ने पर प्लेटफार्म की कमी समस्या और विकराल हो जाएगी।

प्रतिदिन 900 बसों का आवागमन

महत्वपूर्ण बस स्टैंड गणेशपेठ से प्रतिदिन लगभग 900 बसों का आवागमन होता है। एक दिन में यहां तकरीबन 25 हजार से ज्यादा यात्री दस्तक देते हैं। ऐसे में बस स्टैंड की व्यवस्था पर्याप्त होना अपेक्षित है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। यहां आने वाली बसों के लिए पर्याप्त मात्रा में प्लेटफार्म नहीं है। कुल 17 ही प्लेटफार्म हैं। प्लेटफार्म नहीं मिलने से बाहर से आने वाली बसों को स्टैंड के कार्नर पर रोकना पड़ता है। कई बार कार्नर पर भी पहले से बसें लगी रहने के बाद बीचो-बीच बस को रोकना पड़ता है। इससे एक ओर बाहर से आने-जानेवाली बसें प्रभावित होती हैं, वहीं दूसरी तरफ बीच में खड़ी बस के चढ़ने-उतरने वाले यात्री कभी-भी यहां से गुजरती दूसरी बसों के चपेट में आ सकते हैं। जो हादसे का कारण बन सकता है। नए 11 प्लेटफार्म बनाने का प्रस्ताव निकासी द्वार के पास निर्धारित था। जहां बाहर से आने वाली बसों के ठहरने की व्यवस्था होनी थी। दो वर्ष पहले हुई घोषणा के बाद अभी तक इसे बनकर तैयार होना था, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई हलचल नहीं है। बस अड्‌डे परिसर में जगह-जगह गड्‌ढे बन गए हैं। ऐसे में आने-जाने वाली बसें हिचखोले खाते हुए चलती हैं। कई बार इसकी मरम्मत की गई है। बावजूद इसके परिसर में बसों को खड़े रहने के लिए ठीक से जगह भी नहीं मिल पाती है। 

एसटी की "शिवशाही" हुई कम, लाल बस का सहारा

इन दिनों यात्रियों को शिवशाही बसों की कमी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। कई बसें खराब स्थिति में होने से संचालन बंद है। ऐसे में शिवशाही बसों की जगह लाल बसों को घसीटा जा रहा है। हालांकि प्रशासन की माने तो एक या दो बसें ही बंद अवस्था में हैं, लेकिन वास्तविकता कुछ अलग है। एसटी महामंडल द्वारा लंबे समय से चल रही लाल बसों की जगह कुछ समय पहले शिवशाही बस को लाया गया। एसी के साथ यह बसें यात्रियों की बैठने के लिए आरामदायक मानी जाती हैं। जिससे इसे लंबी दूरियों के लिए चलाया जाता है। लंबे समय से यात्रियों को इसकी पूरी सुविधा नहीं मिल रही है। फरवरी से जून तक कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद बस सेवा बंद थी। लंबे समय से बस बंद रहने से कई बसों में तकनीकी खराबी आई हैं। जुलाई माह से बसों को दोबारा सड़कों पर दौड़ाया गया। धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या भी बढ़ने लगी हैं। लेकिन अभी भी शिवशाही बसों को पूरी क्षमता से शुरू नहीं किया गया है। जिसका कारण इनमें से कई बसें खराब स्थिति में हैं। सूत्रों की माने तो कुल 15 से ज्यादा बसें खराब पड़ी हैं। ऐसे में नागपुर विभाग के कई रूट पर इन्हें नहीं चलाया जा रहा है। इनकी जगह लाल बसें या हिरकणी बसों को भेजा जा रहा है, जो यात्रियों के लिए असुविधाजनक साबित हो रही है। 
सबकुछ सामान्य है

ए. आमनेरकर, डिपो मैनेजर, गणेशपेठ बस स्टैंड के मुताबिक हमारे पास 26 शिवशाही बसें हैं। इनमें 3 बस बंद स्थिति है तथा अन्य सभी बस संचालित हो रही है।  पुणे, हैदराबाद, अकोला, औरंगाबाद के लिए शिवशाही बसें ही चलाई जा रही हैं। 

 

Created On :   16 Sept 2021 5:53 PM IST

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