किसानो तक पहुंचाई पराली का निपटान और फसल उगाने की विभिन्न तकनीक की जानकारी - तोमर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पराली का निपटान करने और किसानों को फसल उगाने की विभिन्न तकनीक की जानकारी देने के लिए अनेक उपाय किए गये हैं। उन्होंने कहा कि पराली के निपटान के लिए सरकार ने वर्ष 2018-19 से 2021-21 तक की अवधि के दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को 2440.07 करोड़ रूपये जारी किए हैं। 2.07 लाख से अधिक फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की आपूर्ति इन चार राज्यों के कस्टम हायरिंग केन्द्रों (सीएचसी) और व्यक्तिगत किसानों को की गई है।
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि मंत्री ने बताया कि धान की पराली से हाेने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा पराली के तेजी से निपटान के लिए पूसा डीकंपोजर जो कवक प्रजातियों (तरल और कैप्सूल दोनों रूपों में) का एक माइक्रोबियल संघ है, विकसित किया है। इस माइक्रोबियल संघ के उपयोग से खेत में ही धान की पराली सड़ने की प्रक्रिया तेज हो जाती है और वर्ष 2021 में पंजाब, हरियाणा उत्तर प्रदेश और दिल्ली राज्यों द्वारा लगभग 3,91,485 हेक्टेयर में डीकंपोजर का उपयोग किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अधीन संस्थानों में फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभावों और अपनाई जाने वाली फसल अवशेष पद्वतियों के बारे में किसानों को शिक्षित करने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों का संचालन किया जाता है जिनमें प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन जागरूकता कार्यक्रम, प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग, पोस्टर और बैनर आदि के माध्यम से जागरूकता पैदा करना शामिल है। वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान इन सब के लिये 81.82 करोड़ रूपये जारी किये गये हैं।
Created On :   3 Aug 2022 10:05 PM IST