जिला परिषद स्कूलों के हाल-बेहाल, स्टूडेंट्स को नहीं मिले यूनिफार्म

District council schools students do not get uniforms
जिला परिषद स्कूलों के हाल-बेहाल, स्टूडेंट्स को नहीं मिले यूनिफार्म
जिला परिषद स्कूलों के हाल-बेहाल, स्टूडेंट्स को नहीं मिले यूनिफार्म

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार की ओर से चलाए जाने वाली नि:शुल्क गणवेश योजना के दायरे में नहीं आने वाले जिला परिषद स्कूलों के छात्रों के लिए जिला परिषद के बजट में निधि का प्रावधान किया गया। इस निधि से ओबीसी, विमुक्त जाति, भटकी जनजाति तथा सर्वसाधारण वर्ग के विद्यार्थियों को गणवेश देने की घोषणा की गई। स्कूल खुलकर एक सत्र समाप्त होने जा रहा है। अभी तक छात्रों को गणवेश नहीं मिला है। जिला परिषद के बजट में निधि का प्रावधान करने के बावजूद जिला परिषद प्रशासन ने छात्रों का मजाक उड़ाया है।

निराशा में बदली आशा
जिला परिषद स्कूलों में कक्षा पहली से आठवीं तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत एक साल में दो गणवेश नि:शुल्क दिए जाते हैं। इस योजना का सभी छात्राएं तथा अनुसूचित जाति, जनजाति व गरीबी रेखा के छात्रों को लाभ दिया जाता है। एक विद्यार्थी को 400 रुपए अनुदान दिया जाता है। इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत साझेदारी है। जो विद्यार्थी इस योजना के दायरे में नहीं आते, ऐसे विद्यार्थियों के लिए जिला परिषद ने अपने सेस फंड से गणवेश देने की योजना बनाई। जिप के बजट में 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया। अब पता चला है कि गणवेश के लिए प्रस्तावित निधि अन्य मद पर स्थानांतरित कर दिया गया है।  जिला परिषद के निर्णय से ओबीसी, विमुक्त जाति, भटकी जनजाति तथा सामान्य वर्ग के छात्रों में गणवेश मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन प्रशासन की कार्यप्रणाली से आशा निराशा में बदल गई।

इसलिए बनाई योजना
गरीब परिवार के विद्यार्थी जिला परिषद स्कूल में पढ़ते हैं। समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत सभी विद्यार्थियों को गणवेश नहीं मिलता। सभी विद्यार्थियों को गणवेश मिलना चाहिए, इसलिए जिला परिषद ने सेस फंड में निधि का प्रावधान किया। इस निधि से समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत योजना के दायरे में नहीं आने वाले विद्यार्थियों को गणवेश दिए जाने थे। हालांकि इससे पहले भी सभी विद्यार्थियों को गणवेश देने का आश्वासन दिया जाता रहा। इस वर्ष ठोस कदम उठाए जाने से उम्मीद की किरण दिखाई दी। इसे भी प्रशासन ने चकनाचूर कर दिया।

विद्यार्थियों की निराशा दुर्भाग्यपूर्ण
छात्रों को गणवेश की आस दिखाकर निराश करना दुर्भाग्यपूर्ण है। गरीबी के चलते अनेक विद्यार्थियों के पास गणवेश नहीं है। उन्हें जल्द से जल्द गणवेश उपलब्ध कराने की मांग महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति के जिलाध्यक्ष लीलाधर ठाकरे, महासचिव अनिल नासरे, अशोक तोंडे, विजय जाधव, अनिल वाकड़े, अनिल श्रीगिरीवार, रमेश कर्णेवार, जयंत निंबालकर, जीवन सलामे, अरविंद डांगे, अनिल हुमने, कमलाकर काले, विश्वास पांडे, रामभाऊ धर्मे, याेगेश राऊत आदि ने की है।
 

Created On :   18 Sep 2019 8:55 AM GMT

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