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दिव्यांगों को दिया जाएगा प्रशिक्षण, मिलेगा रोजगार
डिजिटल डेस्क, नागपुर . शहर के नाम एक और उपलब्धि शामिल होने जा रही है। यह राज्य का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां दिव्यांगों को राेजगार पूरक प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए यहां की विविध औद्योगिक इकाइयों से सीधे संपर्क किया जाएगा। इसकी शुरुआत कर्णबधिरों से की जा रही है। अगले महीने की 15 तारीख से 90 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रायोगिक तौर पर 10 दिव्यांगों को प्रशिक्षण देने की योजना है। शंकर नगर स्थित एक स्कूल में केंद्र तैयार किया गया है। यहां अनुभवी प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
धीरे-धीरे बढ़ाएंगे विद्यार्थी संख्या : समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र नागपुर (सीआरसी) में हर साल औसतन 10 हजार दिव्यांगों का पंजीयन होता है। पिछले छह साल से यह केंद्र कार्यरत है। सरकार की सूची के अनुसार दिव्यांगों का 21 प्रकार से वर्गीकरण किया गया है। कोरोना काल के दो साल के दौरान दिव्यांगों का रोजगार चला गया। जहां रोजगार मिलता है, वहां उनकी दिव्यांगता का अाकलन कर उस हिसाब से काम नहीं दिया जाता। इसलिए दिव्यांग केंद्र मंे आकर अपनी आपबीती बताते हैं। उनके सामने पेट पालने की समस्या पैदा हो चुकी है। इस बात की दखल सीआरसी ने ली है। उनकी समस्या को हल करने के लिए कोई न कोई रास्ता निकालने के उद्देश्य से ही रोजगार पूरक प्रशिक्षण देने की योजना तैयार की गई। केंद्र के संचालन प्रफुल शिंदे, डॉ. अश्विनी दहाट, कविता घोडमारे व राजेंद्र मेश्राम ने इसके लिए योजना तैयार की है। प्रशिक्षण देने के लिए रोशनी नगरकर को विशेष रूप से ट्रेनिंग दी गई है। शंकरनगर स्थित डे फैन्टम स्कूल में प्राचार्य मीनल सांगोले के सह्योग से प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया गया है। 15 नवंबर से यहां 10 कर्णबधिरों को डाटा एंट्री ऑपरेटर का 90 दिनों तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद संख्या बढ़ाकर 50 कर दी जाएगी। इसी तरह अन्य दिव्यांगों के लिए भी अलग-अलग 270 प्रकार का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।
दिव्यांगों को सक्षम करने का प्रयास
प्रफुल शिंदे, संचालक, सीआरसी के मुताबिक इस केंद्र को शुरू करने के लिए महाराष्ट्र राज्य कौशल विकास सोसायटी, स्किल कौंसिल पर्सन विद् डिसेबिलिटी, महाराष्ट्र औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र आदि का सहयोग मिल रहा है। प्रशिक्षण के बाद विविध औद्योगिक इकाइयों, स्थानीय रोजगार व मार्गदर्शन केंद्र से बातचीत कर उनके लिए रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। यह पूरे राज्य में पहला केंद्र है, जहां दिव्यांगों को प्रशिक्षण के साथ रोजगार दिलाने का प्रयास होगा।
Created On :   30 Oct 2022 4:28 PM IST