इंसाफ दो या इच्छामृत्यु: कलेक्ट्रेट पहुंचे 71 वर्षीय बुजुर्ग की अधिकारियों से गुहार

Do justice or euthanasia: 71-year-old reached the collectorate, pleaded with the authorities
इंसाफ दो या इच्छामृत्यु: कलेक्ट्रेट पहुंचे 71 वर्षीय बुजुर्ग की अधिकारियों से गुहार
पुश्तैनी जमीन पर दबंगों ने कर लिया कब्जा इंसाफ दो या इच्छामृत्यु: कलेक्ट्रेट पहुंचे 71 वर्षीय बुजुर्ग की अधिकारियों से गुहार


डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। चलने फिरने में असमर्थ बुजुर्ग बुधवार को लाठियों के सहारे अधिकारियों के पास पहुंचा। हालत इतनी दयनीय थी कि अच्छे से बोल तक नहीं पा रहा था। अफसरों को ज्ञापन सौंपते समय आंखों से आंसू टपक रहे थे। अधिकारियों से सिर्फ एक ही गुहार थी कि या तो इंसाफ दे दो या फिर इच्छामृत्यु की अनुमति।
ग्राम सामरबोह निवासी 71 वर्षीय बुजुर्ग चरणसिंह वर्मा ने बताया कि वर्तमान में वह स्थानीय रामबाग में रह रहे हैं। मोहखेड़ विकासखंड के इकलबिहरी के पास उनकी पुश्तैनी जमीन है। जिस पर गांव के छह लोगों ने कब्जा कर रखा है। कई बार कब्जे से जमीन को मुक्त कराने की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आज तक न तो कोई सुनवाई हो रही है और न ही कब्जाधारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हो रही है। इस उम्र में अब हालत ऐसी नहीं बची है कि कानूनी लड़ाई लडकऱ अपना हक ले सकें। विकलांग होने के कारण अब वे चल फिर भी नहीं सकते हैं। इतनी भी हिम्मत नहीं बची है कि अधिकारियों के पास रोज-रोज आकर गुहार लगा सकें। कलेक्ट्रेट के कार्यालय अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए बुजुर्ग ने अपने हक की जमीन दिलाने या फिर इच्छामृत्यु की अनुमति देने की मांग की हैं।
अपनी जमीन रहने के बाद खाने-पीने के लाले-
बुजुर्ग ने बताया कि 22 एकड़ जमीन है, लेकिन अवैध कब्जे के चलते आज हालत इतनी खराब है कि खाने पीने के लिए भी पैसा नहीं बचा है। कमाई का कोई साधन नहीं है। इस बढ़ती उम्र में अब इतनी भी हिम्मत नहीं बची है कि काम करके दो वक्त की रोजी रोटी का जुगाड़ कर सकें।
अपनों ने भी छोड़ा साथ-
बुजुर्ग ने शिकायत करते हुए बताया कि मेरे दो बेटे हैं, लेकिन दोनों ही मुझे अपने पास रखने के लिए तैयार नहीं है। एक साल से लकवा लगा है। छोटा-मोटा काम करके जैसे-तैसे मेरा नाती मेरा लालन पालन कर रहा है।

Created On :   25 Aug 2021 9:36 PM IST

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