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नर्स को अश्लील मैसेज भेजने वाला डॉक्टर पकड़ा गया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अश्लील मैसेज भेजने वाले एक डाक्टर को नर्स की शिकायत पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अदालत में पेश करने के बाद डाक्टर को दो दिन पुलिस रिमांड में भेज दिया है। जानकारी के नुसार वाडी पुलिस ने पाटनसावंगी निवासी आरोपी डाक्टर कौस्तुभ नरेन सरकार (30) को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि, आरोपी डॉक्टर एक निजी अस्पताल में काम करता था। उस दौरान वहां पर काम करने वाली एक नर्स उसके संपर्क में आई। डाक्टर ने नर्स को प्रपोज किया, लेकिन नर्स ने उसे नजरअंदाज किया। नर्स का मोबाइल नंबर उसके पास होने से उसने वॉट्सएप पर नर्स को अश्लील मैसेज भेजना शुरू कर दिया। 1 दिसंबर की रात डॉक्टर ने अश्लील तस्वीरें सेंड की। डॉक्टर बोगस ई-मेल आईडी बनाकर भी नर्स को परेशान करने लगा। शनिवार को आरोपी डॉक्टर को अदालत में पेश करने पर उसे दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है।
महावितरण का ठेकाकर्मी रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार
उधर 5 हजार रुपए की रिश्वत लेने वाले महावितरण कंपनी के ठेकेदारी पद्धति पर काम करने वाले कर्मचारी को एसीबी ने शनिवार को रंगेहाथ धर-दबोचा। आरोपी महादेव नत्थूजी गिल्लूरकर (47) बुधवारपेठ वार्ड नंबर-1, कोटगांव नाका उमरेड नागपुर निवासी है। एसीबी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, महादेव गिल्लूरकर महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी में ठेकेदारी पद्धति पर काम करता था। शिकायतकर्ता व्यक्ति इतवारीपेठ, उमरेड, जिला नागपुर निवासी है। शिकायतकर्ता को अपने घर पर नया बिजली मीटर लेना था। उसने इसके लिए महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी मर्यादित कार्यालय उमरेड में ऑनलाइन आवेदन किया था। आरोपी महादेव कोे 5,000 रुपए की रिश्वत लेते ही एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को इतवारी बाजार उमरेड में पकड़ा गया।
तड़ीपार पवन मोरयानी गिरफ्तार
अपराध शाखा के दस्ते ने कुख्यात बदमाश पवन मोरयानी को धर दबोचा। गिरफ्तार कर उसे तहसील पुलिस के सुपुर्द किया गया है। उस पर किसी व्यापारी को धमकी देने का आरोप है। रात्रिकालीन गश्त के दौरान कड़बी चौक में संदिग्ध स्थिति में घूमते हुए पवन माेर्यानी अपराध शाखा यूनिट क्र.-2 के हाथ लगा। उसके साथ में एक रसोईया भी था। चोरी के एक मामले में पवन संदिग्ध था। चोरी में लिप्त आरोपियों के मोबाइल में पवन के कॉल डिटेल्स मिले थे। पुछताछ के बाद पवन को तहसील पुलिस के सुपुर्द किया गया है। तहसील थाने निरीक्षक अजय मालवीय ने बताया कि, पवन तड़ीपार और एक पुराने मामले में वह लंबे समय से फरार था। संपत्ति विवाद के मामले उसने एक व्यापारी को धमकी दी थी। उल्लेखनीय है कि, बॉबी सरदार अपहरण और हत्या प्रकरण में भी पवन मोर्चा का नाम चर्चा में रहा है। इस बीच रविवार को अवकाशकालीन अदालत में पेश कर पवन को पीसीआर में लिया जाना है। इसके बाद व्यापारी को दी गई धमकी की विस्तृत जांच पड़ताल होने की बात निरीक्षक मालवीय ने बताई है।
मां को देखने के बहाने आकर करते थे चोरियां
मां को देखने के बहाने आकर चोरी करने वाले एक शातिर चोर और उसके जीजा को अजनी पुलिस ने धरदबोचा। आरोपी ईश्वर उर्फ बापू रूपचंद सोनारे (43) और उसका जीजा सुनील कवडू मेश्राम (48), श्रावस्ती नगर, बड़ा इंदोरा, जरीपटका निवासी है। दोनों आरोपियों से पुलिस ने सोने-चांदी के गहने सहित करीब 65 हजार रुपए का माल जब्त किया है। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश करने पर न्यायालय ने दोनों आरोपियों को 8 दिसंबर तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है। आरोपी वर्ष 1998 से चोरी की वारदातों में लिप्त हैं। पुलिस आरोपियों की खोजबीन में लगी थी। तीन दिन पहले गश्त के दौरान अजनी पुलिस को आरोपी ईश्वर सोनारे संदिग्ध स्थिति में घूमता नजर अाया। पुलिस ने ईश्वर को हिरासत में लेकर पूछताछ कि, ताे पता चला कि, वह जरीपटका क्षेत्र में रहता है। उसकी मां अजनी में उससे अलग रहती है। वह अपनी मां से मिलने के बहाने आता था और अजनी क्षेत्र में चोरियां कर जरीपटका चला जाता था। उसके इस काम में उसका जीजा सुनील मेश्राम उसका साथ देता था। पुलिस ने सुनील मेश्राम को भी ईश्वर की निशानदेही पर धरदबोचा। दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया है कि, उन्होंने चोरी की तीन वारदातों को मिलकर अंजाम दिया है। पुलिस के अनुसार दोनों को शराब और जुआ का शौक है। अजनी और जरीपटका क्षेत्र में दोनों ने सेंधमारी की है।
फर्जी दस्तावेजों से जमीन हथियाने का प्रयास
वहीं फर्जी दस्तावेजों की मदत से जमीन हथियाने का प्रयास करने के मामले में शनिवार को महिला सहित चार आरोपियों के खिलाफ मानकापुर थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। आरोपी जगदीशप्रसाद जायस्वाल (50), ममता जगदीशप्रसाद जायस्वाल, विठ्ठल नगर, रत्नाकर एस. गवई (52), रामेश्वरी और नितीन सोनमाेरे (38), वड़गांव, जिला यवतमाल निवासी है। आरोपियों ने 20 दिसंबर-2008 से 6 दिसंबर-2019 के बीच कलमेश्वर, मानकापुर, बेसा आदि जगहों की जमीन के करारनामों का इस्तेमाल किया और उसके आधार पर जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार किए, जबकि करारनामें 25 नवंबर-2010 से 25 सितंबर-2013 के बीच में बनाए हुए थे। इसकी समय सीमा भी खत्म हो चुकी थी। यह बात आरोपियों को पता होने के बाद भी फर्जी तरीके से करारनामों का इस्तेमाल कर उसे अमल में लाया। इस कारण स्वामी समर्थ नगरी निवासी रूपराव कराले (62) की शिकायत पर शनिवार को आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया। जांच जारी है।
अधजले शव की हुई पहचान, हत्या की पुष्टि
स्थानीय नया पुलिस थाना अंतर्गत नेरी शिवार में 5 दिसंबर की सुबह नेरी बायपास रोड के एक खेत के समीप एक व्यक्ति का अधजला शव मिला था। पुलिस को बड़ी मशक्कत के बाद मृतक की पहचान करने में सफलता मिली। युवक की हत्या होने की पुष्टि भी पुलिस ने की है। मृतक कामठी का निवासी है और परिजनों ने मेयो अस्पताल में शव की पहचान की है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक 5 दिसंबर की सुबह करीब 11 बजे नेरी बायपास रोड के एक खेत के समीप एक व्यक्ति का अधजला शव मिलने की जानकारी मिली थी। घटनास्थल पर पहंुचकर पुलिस ने जब पंचनामा किया तो मृतक के गले और सिर पर धारदार शस्त्र के वार थे। उसी समय यह बात स्पष्ट हो गई थी कि मृतक की हत्या की गई और फिर नेरी बायपास रोड पर लाकर सबूत मिटाने के उद्देश्य से शव को जलाया गया, लेकिन शव पूरी तरह नहीं जला था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेयो अस्पताल भेजा था। इस बीच खबर समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से फैलते ही बताए गए हुलिये के आधार पर कामठी के एक परिवार ने यह शव उनके व्यक्ति के होने की पहचान की। पुलिस का मानना है कि मृतक की पत्नी और परिजनों ने उसकी पहचान तो कर ली, लेकिन फिर भी जब तक डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आती तब तक इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती।
बालगृह से बालक संदिग्ध स्थिति में गायब
इसके अलावा राहुल बाल सदन नामक बालगृह से एक बालक संदिग्ध स्थिति में गायब हो गया। बालक की आयु कम होने से शुक्रवार को पांचपावली थाने में हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशा अनुसार प्रकरण को अपहरण की श्रेणी में दर्ज िकया गया है। महेंद्र नगर गैर शासकीय राहुल बाल सदन गृह है। यहां लावारिस िमले बालकों को रखा जाता है। कीर्तिराज देवराज (13) नामक बालक इस बालगृह में निवास और अध्ययनरत था। शुक्रवार की रात में कीर्तिराज अचानक संदिग्ध स्थिति में गायब हो गया। काफी खोजबीन के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला। पश्चात इसकी सूचना संबंधित थाने को दी गई थी। माना जा रहा है कि, पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण ही बालक संस्था से भाग निकलने में सफल हुआ है। इससे संस्था प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। जांच जारी है।
Created On :   8 Dec 2019 6:23 PM IST