डॉक्टरों की मनमानी : मस्टर पर एक ही  बार में करते हैं सप्ताह भर के हस्ताक्षर

Doctors arbitrariness : sign the muster in a week
डॉक्टरों की मनमानी : मस्टर पर एक ही  बार में करते हैं सप्ताह भर के हस्ताक्षर
डॉक्टरों की मनमानी : मस्टर पर एक ही  बार में करते हैं सप्ताह भर के हस्ताक्षर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। कहीं डॉक्टर नहीं हैं, तो कहीं दवाइयों के लाले पड़े हैं। जहां डॉक्टर हैं, वहां मनमानी चल रही है। अपनी ही मर्जी से डॉक्टरों ने लगातार 3-3 दिन की ड्यूटी तय कर ली है। मस्टर पर एक ही बार में सप्ताहभर के हस्ताक्षर कर देते हैं। जिला परिषद उपाध्यक्ष मनोहर कुंभारे के भिवापुर तहसील में औचक निरीक्षण करने पर ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की साठगांठ और मनमानी का राज उजागर हुआ। उपाध्यक्ष कुंभारे अचानक जवली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। उन्हें देख कर्मचारियों में खलबली मच गई। डॉक्टर से कोई जवाब देना नहीं बन रहा था। सबसे पहले उन्हें दवाइयाें की उपलब्धता के बारे में पूछा गया। डॉक्टर का जवाब मिला, पूरी दवाइयां नहीं हैं। वजह पूछे जाने पर बताया कि जिला परिषद से ठीकठाक आपूर्ति नहीं होती है। कौन-सी दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं, यह पूछे जाने पर डॉक्टर के पास कोई जवाब नहीं था। दवाई वितरक का पद रिक्त है। परिचारिका पर दवा वितरण की जिम्मेदारी है। उसे बुलाया गया। परिचारिका से दवाइयों की उपलब्धता के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यक सभी दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। यह सुनकर उपाध्यक्ष ने डॉक्टर को जमकर फटकार लगाई। बचाव में औषधि का इंडेन बनाने की जिम्मेदारी औषधि वितरण पर बताकर डॉक्टर बगले झांकते रह गए। 

उपाध्यक्ष उसी तहसील के नांद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। उस समय एक औषधि वितरण छोड़ अन्य कोई नहीं थी। उपाध्यक्ष के पहुंचने की खबर चलते ही अन्य कर्मचारी दाखिल हुए। उपस्थित डॉक्टर से बातचीत करने पर पता चला 11 महीने के अनुबंध पर उनकी नियुक्ति की गई है। एक और डॉक्टर है, वह भी अनुबंध पर िनयुक्त है। परिचारिका पद िरक्त है। अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की परिचारिका की सेवा ली जा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में क्वार्टर बनकर तैयार है, लेकिन कोई और ही उसका उपभोग ले रहा है। बाहरगांव से आने वाली परिचारिका के रहने की व्यवस्था नहीं है।

चौंक गए उपाध्यक्ष

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 2 डॉक्टर कार्यरत है। एक डॉक्टर उपस्थित थे। दूसरे डॉक्टर की उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर जवाब मिला, आज उनकी ड्यूटी नहीं है। सप्ताह के 3-3 दिन ड्यूटी करते हैं। जबकि अनुपस्थित डॉक्टर के मस्टर पर पूरे सप्ताहभर के हस्ताक्षर नहीं थे। नियम के अनुसार दो डॉक्टर रहने पर एक दिन आड़ में दोनों को ड्यूटी करनी अपेक्षित है। डॉक्टर्स की मनमानी पर उपाध्यक्ष ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र देकर तख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। 

ऑपरेशन थिएटर सालभर पहले जलकर खाक

जवली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन थिएटर बनाया गया था। शॉर्ट सर्किट होने से सालभर पहले ही जलकर खाक हो गया। उसमें कबाड़ सामान भरकर रखा गया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी से पत्रव्यवहार करने के बावजूद दुरुस्त नहीं किया गया है। मुख्यालय में बैठे अधिकारी ग्रामीण स्वास्थ्य के प्रति कितने गंभीर है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

 

Created On :   1 March 2020 3:47 PM IST

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