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Nagpur News: सड़क हादसे में हुई थी देश के सबसे अधिक डिग्रीधारी नेता की मौत, उनके नाम पर उड़ानपुल का उद्घाटन

- कांग्रेस के नेता रहे लेकिन भाजपा नेताओं के लिए भी हैं आदर्श
- केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस रहेंगे उपस्थित
- 42 विश्वविद्यालयों से विविध विषयों में 20 से अधिक डिग्री पा चुके हैं डॉ.श्रीकांत जिचकार
Nagpur News. रघुनाथसिंह लोधी. जाने-माने शिक्षाविद व राजनेता डॉ.श्रीकांत जिचकार की मौत सड़क हादसे में हुई थी। 42 विश्वविद्यालयों से 20 से अधिक डिग्रियां पाने का रिकार्ड उनके नाम पर दर्ज है। उनके नाम पर नागपुर-अमरावती मार्ग पर आरटीओ उड़ानपुल का उद्घाटन शुक्रवार की शाम को किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी की अनुशंसा पर उड़ानपुल का नाम कर्मयोगी डॉ.श्रीकांत जिचकार उड़ानपुल रखा है। गडकरी ही इस पुल का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित भाजपा के अन्य प्रमुख नेता उपस्थित रहेंगे। खास बात है कि डॉ.जिचकार कांग्रेस के नेता थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से लेकर अन्य राजनेताओं से उनके करीबी संबंध रहे हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में वे कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार के जीरो बजट की संकल्पना उन्होंने रखी थी। भाजपा ने अपने संघर्ष काल में डॉ.जिचकार को संगठन में शामिल किया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी डॉ.जिचकार की तारीफर करता रहा। लेकिन डॉ.जिचकार भाजपा में शामिल नहीं हुए। डॉ.जिचकार की राजनीति से प्रभावित नितीन गडकरी अक्सर बयां करते हैं कि एक बार उन्हें कांग्रेस में शामिल होने के लिए डॉ.जिचकार ने सलाह दी थी। लेकिन मैंने यह कहकर शामिल होने से इनकार किया कि कुएं में कूद जाऊंगा लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं होऊंगा। डॉ.जिचकार के समर्थक आज में राजनीति में बड़ें पदों पर है।
बेमिसाल उपलब्धियां
डॉ.श्रीकांत जिचकार का जन्म 14 सिंतबर 1954 को नागपुर जिले की काटोल तहसील में हुआ था। वे बचपन से ही धर्मशास्त्रों के अध्ययनकर्ता थे। धर्म अध्यात्म में रुचि ने उन्हें अलग पहचान दी। मेडिकल, लॉ, बिजनेस, पत्रकारिता सहित अन्य विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर वे भारत के सबसे अधिक डिग्रीधारक बन गए। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से एमबीबीएस, एमडी, अर्थशास्त्र, संस्कृत, इतिहास, सामान्य प्रशासन, समाजशास्त्र, अंगरेजी साहित्य,राज्यशास्त्र , प्राचीन भारत का इतिहास, संस्कृति व पुरातत्व में डिग्री प्राप्त की। अंतरराष्ट्रीय कानून पर पोस्ट ग्रेज्युएशन, एमबीए व्यवस्था व्यवस्थापन में डाक्टरेट, पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेज्युएशन की पढ़ाई की। 1978 व 1980 में दो बार यूपीएससी की परीक्षा पास की। लेकिन राजनीति में रुचि के चलते उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ दी। 26 वर्ष की उम्र में विधानसभा सदस्य चुने गए। राज्यमंत्री के तौर पर 14 विभागों का जिम्मा संभाला। 1986 से 1992 तक विधानसभा सदस्य व 1992 से 1998 तक राज्यसभा सदस्य रहे। 2 जून 2004 को काटोल व नागपुर के बीच कोंढाली में सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। जिस पुल का उनका नाम दिया गया है उसका भूमिपूजन 5 मार्च 2022 को नितीन गडकरी ने किया था।
Created On :   12 Sept 2025 5:24 PM IST