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Nagpur News: 200 करोड़ रुपए महीना कमाने का दिमाग मेरे पास, दलाली नहीं करता हूं, बेटों को आइडिया देता हूं-गडकरी

- किसानों को उत्पादन खर्च के आधार पर भाव नहीं मिलता है, इसलिए रहते हैं दुखी
- अन्नदाता बनेंगे ईंधनदाता,उनकी खरीदी क्षमता बढ़ेगी तो होगा गांवों का विकास
- हवाई ईंधन में 5 प्रतिशत बायोफ्यूल अनिवार्य होगा
Nagpur News तकनीकी इस्तेमाल से विकास की अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने अपने परिवार की कमाई को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है- मेरी कमाई भरपूर है। मेरे दिमाग की कीमत 200 करोड़ रुपये प्रति माह कमाने की है। दलाली नहीं करता हूं। ईमानदारी से कमाई करना मुझे समझता है। अपने बेटों को कमाई के आईडियाज देता हूं।गडकरी ने यह भी कहा कि किसानों काे कृषि उपज का उत्पादन खर्च भी नहीं मिल पाता है। एमएसपी अर्थात समर्थन मूल्य नहीं मिलने से किसान दुखी हैं। तकनीकी इस्तेमाल व पर्यायी खेती से किसानों के हालात सुधरेंगे। उन्हें अन्नदाता के अलावा आईसो ब्यूटेन अर्थात गैस ईंधन उत्पादक बनाना होगा। शनिवार को एग्रोकाज वेलफेयर सोसायटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में गडकरी बोल रहे थे।
गडकरी ने परंपरागत खेती को घाटे की खेती ठहराया। उन्होंने कहा कि फसल उत्पादन की कापी होने लगती है। जबकि कृषि विकास के लिए नए प्रयोग जरुरी है। खेती कोई चैरिटी का काम नहीं है। देश में डेढ लाख करोड का खाद्य तेल आयात होता है। यहां जीएम शीड अर्थात जेनेटिकली मोडिफाइड बीज को लेकर विवाद किया जाता है लेकिन जीएम तेल भरपूर बिकता है। अपने परिवार के उन्नत खेती के कार्यों का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा-मेरे खेत की दाल पैकिंग में बेची गई। हमने दाल उत्पादन के लिए रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया। अब आर्गनिक कृषि उपज की बिक्री के लिए नागपुर में 3 से 4 स्थानों पर दुकान उपलब्ध करा रहे हैं। मनीषनगर, राणा प्रतापनगर चौक, लक्ष्मीनगर के अलावा वर्धा मार्ग पर होटल रेडिसन के पास ये दाल व अन्य कृषि उपज बिक्री की लिए उपलब्ध रहेगा। इनमें किसान भी बिक्री के लिए अपने कृषि उपज ला सकते है। ये सब में केवल अपनी कमाई के लिए नहीं कर रहा हूं।
मेरा प्रयास है कि इन प्रयोगों का लाभ किसानों को मिले। किसानों को दिखाने के लिए इस तरह के प्रयोग करता हूं। मेरी कमाई तो भरपूर है। मैं बेटो को आइडियाज देता हूं। मेरे बेटे ने इरान से 800 कंटेनर सेब लाकर 1000 कंटेनर भेज दिए। मेरे बेटों के शक्कर कारखाना, डिस्टलरी व पावर प्रोजेक्ट हैं। मैं किसानों के लिए काम करता हूं। मेरे खेत में इलेक्ट्रिक बैलजोडी है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर है। कम लागत की खेती से किसानों का विकास होगा। कृषि उपज का भाव वैश्विक अर्थव्यवस्था के तहत तय होने लगा है। ऐसे में हमारे देश के किसानों को फायदे की खेती के लिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। भारतीय किसान हवाई इँधन भी तैयार करने लगे है। हवाई इंधन में 5 प्रतिशत बायोफ्यूल अनिवार्य किया जाएगा।
Created On :   13 Sept 2025 6:33 PM IST