मां-बेटी के बीच विवाद का मामला : अदालत में वकील ने कहा- इस लड़की के हैं कई बॉयफ्रेंड तो कोर्ट ने लगा दी फटकार

Domestic violence case : Advocate said this girl has many boyfriends, court reprimanded
मां-बेटी के बीच विवाद का मामला : अदालत में वकील ने कहा- इस लड़की के हैं कई बॉयफ्रेंड तो कोर्ट ने लगा दी फटकार
मां-बेटी के बीच विवाद का मामला : अदालत में वकील ने कहा- इस लड़की के हैं कई बॉयफ्रेंड तो कोर्ट ने लगा दी फटकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने एक महिला की निजी जिंदगी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करनेवाले वकील को कड़ी फटकार लगाई। मामला घरेलू हिंसा से जुड़ा है। जिसमें मां ने अपनी बेटी के खिलाफ अदालत में घरेलू हिंसा की शिकायत की है। सुनवाई के दौरान मां की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की बेटी के कई बॉयफ्रेंड हैं। इस पर कोर्ट ने वकील को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि वकील अपने मुवक्किल का माउथपीस नहीं है। उसके पास यह विशेषाधिकार होता है कि वह अपने मुवक्किल की कौन सी बात को सुने और कौन सी बात को न सुने। 

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटाले की खंडपीठ के सामने गुरुवार को इस मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट में बेटी ने याचिका दायर की है।जिसमें बेटी ने निचली अदालत में उसकी मां की ओर से दर्ज की गई शिकायत के बाद शुरु कार्यवाही को रद्द करने की मांग की है। बेटी की ओर से पैरवी कर रही वकील केनी ठक्कर ने कहा कि मेरी मुवक्किल उच्च शिक्षा के लिए अस्ट्रेलिया जाना चाहती है। इसलिए वे खुद के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को रद्द कराना चाहती हैं। उन्होंने दावा किया कि मेरी मुवक्किल को लेकर जो आरोप लगाए गए हैं। उसका कोई सबूत नहीं पेश किया गया है। 

वहीं मां की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने याचिका का विरोध किया और कहा कि उनकी मुवक्किल की बेटी के कई ब्वॉयफ्रेंड है। इस पर न्यायमूर्ति मनीष पीटाले ने वकील को कहा कि वे इस दिशा में बहस न करे। आखिर यह कैसी दलील है कि याचिकाकर्ता के कई ब्वॉयफ्रेंड है। याचिकाकर्ता का अपना जीवन है। जिस पर बहस नहीं होनी चाहिए। न्यायमूर्ति ने वकील को कहा कि वे कानून के मुद्दे पर बहस करे।न्यायमूर्ति ने कहा कि शिकायतकर्ता(मां) को खुश होना चाहिए कि जिस पर उन्होंने घरेलू हिंसा का आरोप लगाया वह उनसे दूर जा रही है। यह बात कहते हुए खंडपीठ  ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया और कहा कि हम याचिका पर अपना निर्णय 19 अप्रैल को सुनाएगे।
 

Created On :   8 April 2021 2:38 PM GMT

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