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युवा आयाम की ‘संवाद कौशल’ वर्कशाप में हर एक्टिविटी पर किया मार्गदर्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। IMT नागपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक नारायण सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि घर-परिवार में हमारा व्यवहार बहुत सहज होता है, क्योंकि वहां अपनापन है। माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन आदि सभी अपने होते हैं। जब हम कॉलेज में पढ़ने जाते हैं, तब वहां भी लगभग हमारा व्यवहार सामान्य ही होता है। प्राध्यापक और विद्यार्थी यही एक संबंध होता है, लेकिन इस तरुणाई में हमें अपने व्यवहार और संवाद को आदर्श बनाना आवश्यक है। ज्ञात हो कि, विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा नागपुर के युवा आयाम के द्वारा प्रतिमाह "युवा संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस बार "संवाद कौशल’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
डॉ. सिंह ने जोर देकर कहा कि इस दौर में जब हम किसी कंपनी में नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाते हैं, तो हमारा बैठने का तरीका, संवाद का तरीका आदि पर साक्षात्कार लेने वालों की नजर रहती है। वे आपके व्यवहार और संवाद से आपकी प्रतिभा को टटोलते हैं, क्योंकि कंपनी टीम स्पिरिट से चलती है और टीम को मजबूत बनाए रखने में संवाद कौशल बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। इसलिए हमें बड़ी सजगता से अपने संवाद को आदर्श की स्थिति में लाना होगा। उन्होंने आगे रोचक अंदाज में कहा कि, गैजेट्स जितने स्मार्ट हो रहे हैं, उसका उपयोग करने वाले उतने ही भुलक्कड़ होते जा रहे हैं। हम स्मार्ट फोन का उपयोग अवश्य करें, पर उस उपकरण के हम गुलाम न बनें।
मोबाइल की लत एक बीमारी जैसे बढ़ रही है, इससे हमारी एकाग्रता और स्मरणशक्ति का ह्रास हो रहा है। डॉ. अभिषेक सिंह ने कहा कि, मार्केटिंग के इस युग में वही जीत सकता है, जो अपनी बात समाज के दिलो-दिमाग तक सहजता से पहुंचा सके। हमारी बातों में सच्चाई होगी, तभी हम नजर मिलाकर, सिर उठाकर अपनी बात कहा सकते हैं। ईमानदारी है, तो विश्वसनीयता है। श्रोताओं को अपने संवाद से जोड़े रखना यह वक्ता की जिम्मेदारी है। प्रास्ताविक राधिका कुलकर्णी ने किया। अरुणाचल प्रदेश से आई कु. लोनिया लोवांग ने ‘नौजवान-नौजवान’ गीत प्रस्तुत किया। संचालन गायत्री राजवैद्य ने किया। कार्यक्रम में 53 युवा सहभागी हुए।
Created On :   13 Aug 2018 5:00 PM IST