डॉ. हर्षवर्धन ने रामाचंद्र मेडिकल कॉलेज, चेन्नई के दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्रों को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय डॉ. हर्षवर्धन ने श्री रामाचंद्र मेडिकल कॉलेज, चेन्नई के दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्रों को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया शोध एवं विकास पहलों के माध्यम से प्रधानमंत्री के स्वप्न ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल के लिए बहुत कुछ नया करने की प्रचुर संभावनाएं दवाओं का अध्ययन अपने आप में एक कठिन परिश्रम है, औषधि क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए वर्षों के अभ्यास की आवश्यकता पड़ती है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने श्री रामचंद्र उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान, चेन्नई के दीक्षांत समारोह के अवसर पर वर्चुअल माध्यम से छात्रों को संबोधित किया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा “संस्थान के 32वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने का अवसर प्राप्त होने पर मैं गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं। अतिशय प्रसन्नता के साथ में उन सभी छात्रों को हृदय से शुभकामनाएं देता हूं जो अपनी अद्वितीय शैक्षिक प्रतिबद्धताओं के उपरांत आज अपना प्रमाण पत्र, डिग्री और मेडल प्राप्त करने के लिए इस अवसर पर उपस्थित हुए हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर श्री एन. पी. वी. रामास्वामी उदयार का भी स्मरण किया, जिन्होंने देश के निजी क्षेत्र के सम्मानित उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक इस संस्थान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। 32वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुल 1266 छात्रों को प्रमाण पत्र किए गए जिनमें 17 डॉक्टोरल,26 सुपर स्पेशलिटी, 509 परास्नातक और 714 स्नातक प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले छात्र शामिल हैं। विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एनआईआरएफ-2020 की रैंकिंग में इस संस्थान द्वारा सभी विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय के रूप में 28वीं रैंक, मेडिकल स्कूल के रूप में 13वीं रैंक और दंत स्कूल के रूप में 7वीं रैंक प्राप्त करना विशिष्ट रूप से प्रसन्नता का विषय है। निरंतर अकादमिक मान्यताओं के आधार पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इसे डीम्ड विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी के विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया। भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने नोबेल सेंटर फॉर मेडिकल एजुकेशन टेक्नोलॉजीका2009 में संज्ञान लिया। श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज का नोबेल सेंटर फॉर मेडिकल एजुकेशन टेक्नोलोजीज 58 चिकित्सा स्कूलों केअध्यापकों को प्रशिक्षित करने का भी कार्य कर रहा है। भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप इस विश्वविद्यालय के मल्टीडिसीप्लिनरी स्वरूप में परिवर्तित होने की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि संस्थान अपनी विशिष्टता के चलते न सिर्फ देश के विभिन्न भागों से बल्कि विश्व के अलग-अलग देशों से छात्रों को बड़ी संख्या में आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान में अनुसंधान कार्यों को अत्यधिक महत्व दिए जाने औरसंस्थान मेंएक केंद्रीय अनुसंधानसुविधा कीशुरुआत किए जाने को लेकर भी मैं विशेष रूप से प्रसन्नता का अनुभव करता हूं। यह शोध केंद्र समूचे विश्वविद्यालय के लिए शोध और अनुसंधान क्षेत्र से जुड़ी सभी सुविधाओं के लिए ए टू जेड गेटवे के रूप में काम करता है। आईसीएमआर के वैक्सीन परीक्षण के लिए संस्थान के चयन का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण हम एक जटिल परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के इस अविस्मरणीय क्षण में हमें उन सभी अग्रिम पंक्ति के स्वस्थ्य कार्यकर्ताओंजिसमें डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, ट्रांसपोर्ट, आपात मेडिकल प्रौद्योगिकी से जुड़े कर्मी, फार्मासिस्ट समेत अन्य सभी को नमन करना चाहिए, सेल्यूट करना चाहिए जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान मरीजों की देखभाल और उन्हें चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने में अपने स्वास्थ्य तथा अपने जीवन को जोखिम में डालते हुए उल्लेखनीय योगदान दिया। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मैं जानता हूं कि आपके संस्थान ने कोविड-19 के लिए एक अलग से ब्लॉक उपलब्ध कराया। मैं इस बात के लिए भी प्रसन्न हूं कि आपके संस्थान ने अप्रैल 2020 की शुरुआत से एक परीक्षण केंद्र के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। स्वास्थ्य सेवाओं में क्षेत्रीय विभेद को कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हाल की महामारी ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में सरकारी संस्थानों, सरकारी क्षेत्र के योगदान का प्रदर्शन दिखा है।
Created On :   5 Jan 2021 2:49 PM IST