बालापुर तहसील के किसानों का सपना चूर-चूर

डिजिटल डेस्क, बालापुर। तहसील में मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण फसलों और घरों को काफी नुकसान हुआ। इस में सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को झेलना पड़ा है। तहसील में २८ हजार २७० हेक्टर फसलों का नुकसान होने की जानकारी सामने आ गई है। जिससे किसानों ने इस साल के खरीप मौसम में जो अच्छे उत्पादन का सपना देखा था वह चूर –चूर हो गया है। किसानों को नुकसाना मुआवजा तुरंत मिले,ऐसी मांग तहसील के किसानों की ओर से की जा रही है। अब शासन और प्रशासन से मदद की गुहार किसान लगा रहे हैं। बालापुर तहसील में जून के माह में मानसून को देरी होने से कई किसानों को दोबारा बुवाई करनी पड़ी है।
किसानों ने अच्छे बारिश के आसार देखते हुए जून माह के आखरी हप्ते में और जुलाई माह के पहले सप्ताह में ही बुवाई की है। लेकिन अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण खेती का काफी नुकसान हो गया है। वहीं कई गांव में घरो में पानी घुसने से घरो का भी नुकसान होने की बात सर्वे में सामने आ गई है। नदी नालों के तट पर और महामार्ग को सटे हुए घेतों में बारिश और बाढ़ का पानी घुस गया। जिससे तहसील में ६९ गावों में सोयाबीन, तुअर, कपाशी इन फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो गया है। इस में २८ हजार २७० हेक्टेयर खेत जमीन पर नुकसान होने की जानकारी है। वहीं बारिश और बाढ़ के कारण ६६ घरों का नुकसान हो गया है। यह प्राथमिक जानकारी है, इस में कम अधिक प्रमाण में नुकसान के आकड़े हो सकते हैं, ऐसा बालापुर राजस्व विभाग का कहना है। बालापुर तहसील में फसलों की जो बुवाई हुई है इसमें कपासी १८४२५ हेक्टेयर, सोयाबीन २७२०१, तूअर ९८३६, उडद २२२०, मूंग १८११, ज्वार ४४३, मका ३६, तील २३ समेत अन्य ४२४ इस तरह ६०४१९ हेक्टेयर बुवाई की गई थी। अब किसानों को मुआवजे की प्रतीक्षा है।
मुआवजा मिलने की मांग
सौ. नलिनी मली, किसान के मुताबिक बारिश और बाढ़ से फसल का काफी नुकसान हो गया है। अभी तक कई मुआवजा नहीं मिल पाया है। शासन और प्रशासन तुरंत संज्ञान लेकर मुआवजा दे।
Created On :   23 July 2022 4:34 PM IST