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महाराष्ट्र के 1059 गांवों में टैंकर से प्यास बुझाने की कवायद,स्थायी उपाय पर नहीं दिया जा रहा जोर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में जलसंकट की समस्या से राहत पाने के लिए सरकार व प्रशासन की ओर से हर वर्ष अनेकों उपाय किए जाते हैं, बावजूद इसके समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है जबकि राज्य में 1360 मिलीमीटर हर वर्ष औसतन बारिश दर्ज होती है। 2475 लघु, मध्य व बड़े बांधों में बड़े पैमाने पर पानी संग्रहित किया जाता है। 5782 टीएमसी पानी की उपलब्धता के बावजूद जलसंकट की स्थिति भयावह रूप ले लेती है। ऐसे में यदि 76000 से अधिक कुओं का निर्माण कार्य अधर में अटका हुअा हो तो उन गांवों में पेयजल की दयनीय स्थिति का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।
बीते वर्षों में निर्धारित 76694 कुओं का निर्माण राज्य में करना था, जिनमें से नागपुर संभाग में 7532 कुएं निर्मित होने थे। इसके अलावा इस वर्ष के अप्रैल एवं मई माह के अंत तक 2876 कुओं की खुदाई की जानी थी। परंतु निर्माण कार्य की धीमी गति के कारण जलसंकट की समस्या पर मात नहीं किया जा सका है। यही वजह है कि आज भी महाराष्ट्र के 34 जिलों के 1059 गांवों एवं 594 बस्तियों में कुल 1164 टैंकरों से जलापूर्ति करने की नौबत आन पड़ी है।
नियोजन का अभाव, 1164 टैंकरों पर निर्भर
देश की कुल जलसंपत्ति में से राज्य में 14.59 प्रतिशत पानी उपलब्ध है। औसतन बारिश अच्छी होती है। इसके बावजूद जलसंकट एवं सूखे की समस्या बरसों से हल नहीं हो पा रही है। विदर्भ, मराठावाड़ा एवं पश्चिम महाराष्ट्र में स्थिति बदतर है। जलसंकटग्रस्त गांवों में एक गागर पेयजल पाने के लिए 4 से 5 मिल दूर तक भटकना पड़ रहा है। पशुओं की स्थिति को और भी बदतर है। शहरों में पानी कटौती देखी जा रही है। तय अंतराल में जलापूर्ति की जा रही है।
बढ़ती जनसंख्या एवं पानी के बेशुमार उपयोग से भूजल स्तर भी घट रहा है। इसलिए प्रशासन को राज्य के 1059 गांवों एवं 594 बस्तियों में 276 सरकारी एवं 888 निजी ऐसे कुल 1164 टैंकरों से जलापूर्ति कराने की नौबत आन पड़ी है। वहीं औद्योगिक जल निकासी एवं गटर का पानी नालों से होते हुए नदियों में पहुंचने से जल प्रदूषण बढ़ रहा है। इसका विपरीत असर स्वास्थ्य पर भी होने लगा है।
नागपुर में 1896 कुओं के निर्माण में देरी
नागपुर जिले में बीते वर्षों में दिए गए लक्ष्य के अनुसार कुल 1896 कुओं का निर्माण किया जाना था, परंतु विविध कारणों के चलते इन कुओं का निर्माण अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। इसके अलावा मौजूदा वित्तीय वर्ष में अप्रैल एवं मई माह के लिए 643 कुओं के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन कुओं का निर्माण आगामी जून माह के अंत तक किया जाना है। धीमी गति से चल रहे विकास कार्यों के कारण इन कुओं का निर्माण जून माह के शुरूआत तक पूर्ण नहीं हो पाता और मानसून दस्तक दे जाता है। बारिश होने पर कुओं की खुदाई का कार्य अधूरा छोड़ना पड़ता है। पश्चात लंबे अंतराल के लिए इसका निर्माण कार्य अटक जाता है।
संभाग अपूर्ण कुएं गांव (गंभीर) टैंकर
नागपुर 7532 15 13
अमरावती 19674 214 202
औरंगाबाद 30806 511 646
कोंकण 2435 109 159
नाशिक 13717 195 132
पुणे 2530 15 12
कुल 76694 1059 1164
@लिमेश कुमार जंगम
Created On :   10 May 2018 1:23 PM IST