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कोयलांचल में पेयजल संकट, चरई डेम से नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी - कुएं और बोर से पीला पानी सप्लाई

डिजिटल डेस्क परासिया/छिंदवाड़ा । जिले में इस साल औसत से 30 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। परासिया विकासखंड में 1406 मिमी यानी औसत से लगभग 35 प्रतिशत दर्ज की गई है। पीएचई द्वारा 32 करोड़ रुपए लागत से बने मंधान डेम निर्माण के कारण चरई डेम लबालब भरा है। इसके बावजूद इकलहरा- जाटाछापर क्षेत्रों में पानी की किल्लत है। रावनवाड़ा- छिंदा क्षेत्र में नलजल योजना के कुएं और बोर से पीला पानी निकल रहा है। चांदामेटा के अधिकांश वार्डों में एक दिन के अंतराल से पानी सप्लाई हो रहा है।
चांदामेटा में एक दिन का अंतराल
चांदामेटा में चरई डेम से पीएचई और जल आवर्धन योजना से पानी स्पलाई मिलती है। जिसे नगर प्रशासन 18 हजार की आबादी वाले 12 वार्डो में एक दिन के अंतराल और स्थानीय जल स्त्रोतों से तीन वार्डो में प्रतिदिन सप्लाई होती है। वहीं चार वार्डो में मोटर पंप लगाने से आधे से ज्यादा नलों में पानी की समस्या होती है।
चरई परियोजना से जुड़ी तीन पंचायतें
चरई डेम से पीएचई द्वारा इकलहरा की 9 हजार, 521 आबादी को छह दिनों में एक बार पानी मिल रहा है। लोग हैंडपंप, कुएं, झिरिया पर निर्भर हो रहे हैं। इसी तरह 2 हजार, 512 आबादी वाले भाजीपानी और 5 हजार, 303 आबादी वाले भमोड़ी में तीन से चार दिनों के अंतराल में पानी मिल रहा है।
नलजल योजना से खराब पानी सप्लाई
रावनवाड़ा की 3 हजार, 932 आबादी और दीघावानी की 5 हजार, 862 आबादी को नलजल योजना से तीन दिनों के अंतराल में पानी नसीब हो रहा है। यह पानी पीने लायक नहीं होने से लोग कुंए-झिरिया पर निर्भर हैं। छिंदा की 2 हजार, 721 आबादी और सेठिया की 4 हजार, 34 आबादी को नलजल योजना से पांच दिनों के अंतराल में पानी सप्लाई मिलता है, जो पीने लायक पानी नहीं है। लोग यहां पानी खरीदने मजबूर हैं।
पांच रुपए पीपा बिक रहा पानी
रावनवाड़ा- छिंदा क्षेत्र में पीने का पानी खरीदना लोगों की मजबूरी बन गया है। यहां प्रति पीपा अथवा प्लास्टिक की कुप्पी पानी पांच रुपए की दर पर बिक रहा है। एक ड्रम पानी ढाई सौ रुपए और एक टैंकर पानी रावनवाड़ा- दीघावानी मेें 520 से 550 रुपए और ङ्क्षछदा- सेठिया में 600 रुपए में बिकता है।
इनका कहना है....
चांदामेटा के वार्ड 2, 3, 12 और 13 में पानी का प्रेशर कम रहता है। मोटर पंप लगाने से कई नलों में पानी मिलना मुश्किल होता है। बारिश के दिनों पानी ठीक तरह से फिल्टर नहीं किए बिना सप्लाई हुई।
गोविंद बजोलिया, पूर्व नपं अध्यक्ष
Created On :   6 Oct 2020 6:16 PM IST