रात बसों में गुजार रहे ड्राइवर-कंडक्टर, निर्देश के बावजूद डिपो मैनेजर नहीं दे रहे ध्यान

Driver and Conductors are sleeping in bus even after instruction
रात बसों में गुजार रहे ड्राइवर-कंडक्टर, निर्देश के बावजूद डिपो मैनेजर नहीं दे रहे ध्यान
रात बसों में गुजार रहे ड्राइवर-कंडक्टर, निर्देश के बावजूद डिपो मैनेजर नहीं दे रहे ध्यान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर से छोटे-छोटे गांव तक यात्रियों को लेकर जाने वाले ड्राइवर, कंडक्टर को इन दिनों बसों में ही रातभर ठिठुरना पड़ रहा है। गांव वालों की ओर से कोई मदद नहीं करने से ऐसा हो रहा है। हालांकि हाल ही में राज्य सरकार का एक जीआर आया है, जिसमें विभाग के डिपो मैनेजर को संबंधित गांव जाकर सरपंच आदि से मिलकर बस, ड्राइवर व कंडक्टर के रहने व बुनियादी सुविधाओं के लिए प्रयास करना है। बावजूद इसके कोई भी डिपो मैनेजर गांव तक नहीं गया है। गणेशपेठ डिपो की बात करें तो लालबर्डा, बोकरबर्डी, मोगगांव हवेली, राजोरा आदि की ओर जाने वाली बसों के ड्राइवर व कंडक्टर को इन दिनों बुनियादी सुविधा के अभाव में गांव में रात बितानी पड़ रही है।

देर रात पहुंचते हैं गांव, बस में ही राज गुजारने की मजबूरी
उल्लेखनीय है कि रेलवे गाड़ियों के साथ राज्य मार्ग परिवहन महामंडल की बसें यात्रियों के लिए मुख्य आवागमन का साधन है। शहर से शहर के साथ यह बसें यात्रियों को ऐसे छोटे-छोटे गांव भी पहुंचाती हैं, जहां निजी वाहनों से जाना अक्सर मुश्किल रहता है। लेकिन इन गांवों तक बसों को लेकर जानेवाले चालक व वाहकों को रात में परेशान होना पड़ता है। दरअसल आखरी बस रात 10 के बाद पहुंचने के बाद सुबह गांव से बस चलानी होती है। ऐसे में आखरी बस लेकर जाने वाले ड्राइवर व कंडक्टर को नागपुर विभाग अंतर्गत रिदोरा, गोटनगांव, राजुराबुरी, वग, चारगांव, शिर्सी आदि छोटे –छोटे गांव में रात गुजारनी होती है। लेकिन गांववालों की ओर से किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलने से इन्हें बसों में ही सोना पड़ता है। जिससे सांप, बिच्छू जैसे विषैले जीवों का डर लगा रहता है। वहीं सुबह के वक्त शौच के लिए उन्हें खुले में जाना पड़ता है। नींद ठीक से नहीं होने से दुर्घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है। ऐसे में कुछ महीने पर महाव्यवस्थापक ( यातायात) की ओर से औरंगाबाद, बीड, जालना, लातूर, नांदेड, उस्मानाबाद, परभणी, मुंबई, ठाणे, भंडारा, चंद्रपुर, वर्धा, नागपुर, गड़चिरोली, कोल्हापुर आदि विभाग को पत्र जारी कर संबंधित गांव में जाकर ग्रामपंचायत में मिलकर बस ड्राइवर व कंडक्टर की व्यवस्था के लिए प्रयास करने के दिशा-निर्देश दिये गए हैं। लेकिन सूत्रों की माने तो अब तक कोई भी डिपो मैनेजर की ओर से प्रयास नहीं हुआ है। 

Created On :   15 Dec 2018 5:32 PM IST

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