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इंजीनियर्स की गलती से ब्रिज निर्माण में लग रहा दोगुना खर्च

डिजिटल डेस्क,नागपुर। इंजीनियर्स की गलती का खामियाजा मनपा को भारी रकम से चुकाना पड़ रहा है। मोक्षधाम के पास बनने वाला पुल कब पूरा होगा ये तो कहना मुश्किल है लेकिन यह जरूर तय हो गया है कि मनपा के होशियार अधिकारियों के चलते 5 करोड़ के पुल को बनाने के लिए अब 10 करोड़ लग रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इसे मनपा ने मंजूरी भी दे दी है। उल्लेखनीय है कि पुल को बनाने में कई स्तर पर गलती हुई है।
पुल का डिजाइन तैयार करने वाले व्यक्ति ने सड़क की ऊंचाई से पुल को इतना ऊंचा बना दिया कि गाड़ियों को चढ़ाने के लिए सीढ़ियां लगानी पड़ी। डिजाइन में बदलाव के कारण अब बीच में पिलर लगाया जा रहा है जबकि पूर्व में सिंगल स्पान (एक पाट) टालकर बनाया जा रहा था। गलत डिजाइन के कारण न सिर्फ पाइप लाइन बदलना पड़ा, बल्कि वहां लगे बिजली के खंभे को भी बदलना पड़ा।
सभापति के आदेश को अनसुना किया
मोक्षधाम घाट पुल को बनाने के लिए तत्कालीन स्थायी समिति सभापति संदीप जाधव के पास संशोधन कर बढ़ाया हुआ बिल पहुंचा तो उन्होंने कारण पूछा इसमें बताया गया कि गलत डिजाइन के कारण ऐसा हुआ है। इस पर सभापति ने मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्या है वर्तमान में स्थिति
अभी आधा पुल का स्लैब बन चुका है लेकिन फिनिसिंग बाकी है। जबकि दूसरी ओर की अभी दीवार भी नहीं बनी है उसके बाद स्लैब बनाया जाएगा। तब जाकर पुल पर आवागमन चालू होगा, जबकि इंजीनियरों का दावा है कि वह एक माह में पुल बनाकर उद्घाटन कर देंगे।
कंस्ट्रक्शन साइड से बोर्ड गायब
सरकारी नियमानुसार यदि कोई भी सरकारी निर्माण कार्य चल रहा होता है तो उसके बाहर एक बोर्ड लगा होता है। जिस पर काम करने वाले व्यक्ति के नाम के साथ निर्माण कार्य की कीमत, काम चालू होने की दिनांक, काम पूरा करने की अवधि व आपत्ति दर्ज करवाने की समय सीमा लिखी रहती है। लेकिन यहां कोई बोर्ड उपलब्ध नहीं है।
पुल बन नहीं रहा और नाले में चलेगी नाव
हैरानी की बात तो यह है कि एक सामान्य-सा पुल बनाने में इंजीनियरों को पसीने आ गए और पुल की तय कीमत से दोगुना खर्च कर दिया। इसके बाद वह उस नाले में नाव चलाना चाहते हैं इतना ही नहीं डिजाइन बदलने का एक कारण यह भी बताया गया है कि नाव पुल पर रखे जाने वाले गार्डर की ऊंचाई कम होने के कारण उसे बदला गया है।
हर रोज गुजरते थे हजारों लोग
नंदनवन, महल आदि रास्ते से सदर व स्टेशन की ओर जाने वाले लोग इस रास्ते से गुजरते हैं। इतना ही नहीं इस पुल को क्षतिग्रस्त घोषित कर गार्डर लगाने के बाद भी उस पर से हर रोज मोटरसाइकिल और साइकिल से हजारों लोग निकलते थे।
गलत बन गया था डिजाइन
पहले वाला डिजाइन गलत बन गया था वीएनआईटी ने उस पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद हमें डबल स्पान वाला पुल बनाना पड़ा। पुल एक माह में बन जाएगा।
(सतीश नेरल, विकास अभियंता, मनपा)
दोषियों पर होगी कार्रवाई
मामले की मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन यदि किसी की गलती के कारण मनपा को दोगुना रुपया निर्माण कार्य पर खर्च करना पड़ रहा है तो उस पर निश्चित कार्रवाई की जाएगी।
(अश्विन मुद्गल, मनपा आयुक्त)
Created On :   25 April 2018 2:27 PM IST