गर्मी में पड़ सकती है लोडशेडिंग की मार, कोयले की कमी से गहरा सकता है संकट

Due to lack of coal, the state is facing the crisis again
गर्मी में पड़ सकती है लोडशेडिंग की मार, कोयले की कमी से गहरा सकता है संकट
गर्मी में पड़ सकती है लोडशेडिंग की मार, कोयले की कमी से गहरा सकता है संकट

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  राज्य में इस बार गर्मी में लोडशेडिंग की मार झेलनी पड़ सकती है। कोयले की कमी सेे लोडशेडिंग की स्थिति निर्माण होने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि सरकारी बिजलीघरों में कोयले की स्थिति कुछ ठीक है, लेकिन निजी ताप बिजलीघरों में अभी भी कोयले की कमी बनी हुई है।  मुंबई को दी जाने वाली बिजली में कमी आई है। मुंबई में बिजली की मांग बढ़ते ही राज्य में लोडशेडिंग से जूझना पड़ सकता है।

यह है स्थिति
महाजेनको के बाद प्रदेश को सबसे अधिक विद्युत आपूर्तिकर्ता अदानी पावर में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार 22 फरवरी को मात्र 2 दिन का कोयला उपलब्ध है, जबकि महाराष्ट्र भार प्रेषण केंद्र के अनुसार 20 फरवरी से अदानी की इकाई क्र. 4 कोयले की कमी के कारण बंद है। इसके चलते प्रदेश को 3000 मेगावाट से अधिक बिजली देने वाले इस बिजलीघर से मात्र 1500 मेगावाट के आस-पास बिजली मिल पा रही है।  एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वेस्टर्न कोलफिल्ड से बात हुई और वहां से मार्च अंत या अप्रैल की शुरुआत में कोयला आपूर्ति प्रारंभ हो सकती है। 

अधिकारियों की चुप्पी 
मौदा स्थित एनटीपीसी के बिजलीघर में भी स्थिति ठीक नहीं है। यहां प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, कोयले का स्टाक नहीं है। हालांकि अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से बचते रहे। उनके अनुसार कोयला लगातार आ रहा है और बिजलीघर अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग कर रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि मंत्रालय तथा उच्च स्तर पर इस पर बातचीत जारी है। 

उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा असर
वर्तमान में बिजली की मांग 15 हजार मेगावाट के आस-पास है। पिछले अनुभवों के अनुसार इस बार भी गर्मी के मौसम में बिजली की मांग 20 हजार मेगावाट तक पहुंच सकती है। यदि कोयला आपूर्ति सुचारु नहीं हुई, तो सितंबर में हुई कमी के चलते जैसे बाजार से ऊंची दरों पर बिजली खरीदनी पड़ी थी, गर्मियों में भी महंगी दर से बाजार से बिजली खरीदनी पड़ सकती है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जब पर पड़ेगा। 

खतरे का संकेत
तापमान अभी से सामान्य से 3 से 4 डिग्री ऊपर तक चला गया है। मौसम जानकारों के अनुसार गर्मी अभी जो तेवर दिखा रही है उससे अनुमान लगता है कि इस बार गर्मी में मौसम निरंतर गरम बना रहेगा। रिकार्ड टूटे न टूटे पर तापमान के औसत से ऊपर ही बने रहने के आसार दिख रहे हैं। ऐसे में ताप बिजलीघरों में कोयले की कमी आने वाले खतरे का संकेत देती है। उल्लेखनीय है कि सितंबर में भी ताप बिजलीघरों में कोयले की कमी हो गई थी और प्रदेश को लोडशेडिंग का संकट झेलना पड़ा था। 

गैस भी नहीं है, पानी की भी कमी
प्रदेश में दो बिजलीघर गैस आधारित हैं। इन बिजलीघरों में भी गैस की कमी है। इसके चलते उदण बिजलीघर 2 इकाइयों को 25 फरवरी से बंद कर दिया गया है। रत्नागिरि बिजलीघर सालों से गैस की कमी से जूझ रहा है। इसके अलावा मानसून के ठीक न रहने से बांधों व जलाशयों में भी पानी की कमी है। इरई बांध में पानी की कमी नजर आने लगी है। इसके चलते चंद्रपुर बिजलीघर की 500 मेगावाट की इकाई को जनवरी की शुरुआत में ही बंद किया जा चुका है। जैसे जैसे गर्मी बढ़ेगी पानी की कमी के चलते और भी इकाइयां बंद करनी पड़ सकती हैं।

इस तरह है कोयले की स्थिति
रतन इंडिया अमरावती में 3 दिन का कोयला उपलब्ध है। जीएमआर वरोरा में 1 दिन का, अदानी तिरोडा में 2 दिन का कोयला है। 
 

Created On :   27 Feb 2018 11:37 AM IST

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