रिपोर्ट का दावा - 9 वर्षों के दौरान पुलिस हिरासत में हुई 271 लोगों की मौत 

During last 9 years, 271 people died in different police stations
रिपोर्ट का दावा - 9 वर्षों के दौरान पुलिस हिरासत में हुई 271 लोगों की मौत 
रिपोर्ट का दावा - 9 वर्षों के दौरान पुलिस हिरासत में हुई 271 लोगों की मौत 

डिजिटल डेस्क,मुंबई। पिछले 9 वर्षों के दौरान राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में 271 लोगों की मौत हुई है। इनमें से ज्यादातर मामले अभी भी प्रलंबित हैं। सामाजिक संस्था समर्थन की अध्ययन रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। पुलिस हिरासत में मौत की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट व बांबे हाईकोर्ट ने कई बार राज्य सरकार को निर्देश दे चुके हैं। पर इसका कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले साल सांगली में पुलिस हिरासत में अनिकेत कोथले की मौत के बाद काफी हंगामा हुआ था। हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस हिरासत में मौत की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का निर्देश दिया था। 

जिला दंडाधिकारी के माध्यम से जांच कराए जाने का था प्रावधान 
इसके पहले पुलिस हिरासत में मौत के मामले की जिला दंडाधिकारी के माध्यम से जांच कराए जाने का प्रावधान था। 2005 में कानून में संशोधन के बाद न्यायधीश द्वारा जांच कराए जाने का प्रावधान किया गया। कानूनन हिरासत में मौत के मामले में अदालत को तत्काल जानकारी देना जरूरी होता है। कानून पोस्टमार्टम से मौत का कारण पता चलने के बाद न्यायालय को इस मामले की जांच करानी चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 वर्षों से इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा। हिरासत में मौत मामलों की जांच सीआईडी को सौैप दी जाती है। लोेकिन जांच की सुस्त रफ्तार के चलते अधिकांश मामले प्रलंबित हैं। 

पुलिस स्टेशन लग रहे सीसीटीवी 
बांबे हाईकोर्ट ने अगस्त 2016 में पुलिस  स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद मुंबई के 25 पुलिस स्टेशनों में प्रयोग के तौर पर सीसीटीवी लगाए गए थे। इसके अच्छे परिणाम सामने आने के बाद गृह विभाग ने राज्य के सभी 1100 पुलिस स्टेशनों में दो चरणों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 72 करोड़ 60 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।  
 

Created On :   2 April 2018 2:05 PM GMT

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