रुपये कमाने शहर गए युवा पूरा गांव खाली, बुजुर्गों के जिम्मे घर, खेत और मवेशी

Earning money went to the city, the young village is empty, elderly home
रुपये कमाने शहर गए युवा पूरा गांव खाली, बुजुर्गों के जिम्मे घर, खेत और मवेशी
रुपये कमाने शहर गए युवा पूरा गांव खाली, बुजुर्गों के जिम्मे घर, खेत और मवेशी

डिजिटल डेस्क परासिया। ब्लाक के पहाड़ी और वनांचल क्षेत्रों से बड़ी संख्या में रोजाना छोटे किसानों और कृषि मजदूरों का पलायन हो रहा है। ग्रामीण समूह बनाकर सड़क मार्ग से नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रायसेन, सीहोर, भोपाल और इंदौर की ओर रुख कर रहे हैं। दर्जनों गांवों में सन्नाटा पसर गया है। लोग अपने घर, खेत और मवेशी बच्चों और बुजुर्गों के जिम्मे छोड़ गए हैं।
होली पर्व के बाद से पगारा क्षेत्र की पंचायत लीखावाड़ी, दरबई, लोना पठार, बुदला पठार, कोहका, दमुआ, धमनिया, डुंगरिया, सेमरताल, पैजनवाड़ा, उमरेठ क्षेत्र की पंचायत साजवा, दबक, मेढकी क्षेत्र से बड़ी संख्या ग्रामीणों का रोजगार की तलाश में पलायन हुआ है। हर दिन अनखावाड़ी, लहगङुआ, साजकुही, पांढु़पिपरिया से ग्रामीण समूह के रूप में वाहनों से पलायन कर रहे हैं।
फसल कटाई के लिए होता है पलायन  
समीपस्थ जिलों में गेहूं की कटाई के लिए परासिया और तामिया ब्लाक के गांवों से बड़ी संख्या में पलायन होता है। बड़े किसान अपने वाहन भेजकर छिंदवाड़ा जिले के विभिन्न गांवों से छोटे किसानों और कृषि मजदूरों को लेकर जाते हैं। कुछ गांवों से ग्रामीण स्वयं ही समूह बनाकर एक साथ रोजगार की तलाश में निकलते हैं।
न रोजगार के साधन, न पीने का पानी
परासिया ब्लाक के अधिकांश गांवों में रोजगार के साधन नहीं हंै। होली के बाद से ही पचासों गांवों में पीने के पानी की तंगी शुरू हो जाती है। इस बार अनियमित बारिश से जल संकट की स्थिति जनवरी माह से ही शुरू हो गई है।
आनन-फानन में शुरू किए निर्माण कार्य
तामिया ब्लाक में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की घोषणा होते ही ग्राम पंचायतों में रोजगार उन्मुखी कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। तालाब गहरीकरण और सड़क निर्माण सहित अन्य कामों के जरिए ग्रामीणों को रोजगार देने का प्रयास किया रहा है। इससे पहले गांव खाली होने के कारण अब पंचायतों में महिला कामगार ही अधिक संख्या में मिल रही हैं।
घरों की रखवाली करते हैं बुजुर्ग
लोनापठार पंचायत के गांव सूठिया के लगभग 150 घरों में से लगभग 60 घरों से पलायन हुआ है। वहीं भोईढाना के 59 घरों में से आधा दर्जन घरों में ताले लटक रहे हैं। दो दर्जन घरों में सिर्फ बुजुर्ग और बच्चे हैं, जो घर, मवेशी, फसल और मुर्गा-मुर्गियों की देखरेख करते हैं। शैला गांव के बडढ़ाना और छोटा ढाना से चार दर्जन घरों में पलायन से सन्नाटा पसरा हुआ है।
इनका कहना है---
मनरेगा में नए कामों की मंजूरी और पुराने कामों का भुगतान नहीं आने से रोजगार के अवसर और पानी जुटाना मुश्किल हो रहा है। सरकार की गलत नीतियों से पलायन को रोकना संभव नहीं हो रहा है।
--- रईस खान, अध्यक्ष, जनपद पंचायत परासिया
मनरेगा के नए काम और जलाभिषेक कार्यक्रम के काम शुरू होंगे, जिससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। तकनीकी कारणों से रुकी हुई राशि का जल्द भुगतान हो जाएगा।
--- आशीष अग्रवाल, सीईओ, जनपद पंचायत परासिया

 

Created On :   17 March 2018 1:27 PM IST

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