अब कोर्ट में होगा ईको-फ्रेंडली कामकाज, कॉज लिस्ट से नहीं होगी पेपर की बर्बादी

Eco friendly work will start to reduce paper in the High Court
अब कोर्ट में होगा ईको-फ्रेंडली कामकाज, कॉज लिस्ट से नहीं होगी पेपर की बर्बादी
अब कोर्ट में होगा ईको-फ्रेंडली कामकाज, कॉज लिस्ट से नहीं होगी पेपर की बर्बादी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में ईको फ्रेंडली काम-काज की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया जा रहा है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने तय किया है कि वे जल्द ही "कॉज लिस्ट" का पेपर पर प्रकाशन बंद कर देंगे, जिससे उनके 7 लाख रुपए प्रतिवर्ष बचेंगे। कॉज लिस्ट को अब से केवल डिजिटल फॉर्मेट में ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे न केवल बड़ी संख्या में कागजों की बचत होगी, बल्कि स्टॉफ और अन्य तरह की समस्याएं भी दूर होंगी। 

एसएमएस से भेजी जाएगी इंफर्मेशन
कॉज लिस्ट वकीलों के कार्यालय में भेजने की जगह उन्हें एसएमएस से अगले दिन होने वाले मुकदमों की जानकारी भेजी जाएगी। दरअसल न्यायालय मंे अगले दिन होने वाले मुकदमे किस बेंच के समक्ष लगेंगे, कौन से पक्षकार के लिए कौन सा वकील पक्ष रखेगा, यह सारी जानकारी सिरियल क्रमांक के साथ कॉज लिस्ट में प्रकाशित की जाती हैं। अब तक जारी प्रथा के अनुसार हाईकोर्ट रजिस्ट्री द्वारा कॉज लिस्ट तैयार करती है। इधर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन भी अपने वकीलों के लिए सुनवाई की एक शाम पहले कॉज लिस्ट को अपने फॉर्मेट में तैयार करके अपने हॉकर्स के हाथों वकीलों के कार्यालयों में भेजा करता था। शुरुआत में तो 600 वकील इस सेवा का सबस्क्रीप्शन ले चुके थे, मगर धीरे-धीरे यह संख्या घट कर 200 तक सिमट चुकी है। 

समय भी बचेगा 
कम सबस्क्राइबर होने के कारण पेपर पर कॉज लिस्ट का प्रकाशन एसीबीए के लिए खासा महंगा साबित हो रहा है। वहीं कॉज लिस्ट के प्रकाशन के लिए हाईकोर्ट में अटर्नी और अन्य स्टॉफ को देर रात तक काम करना पड़ता है। इसमें मशीनरी और बिजली बेवजह खर्च हो रही थी। ऐसे में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने यह तय किया है कि वे कॉज लिस्ट का पेपर पर प्रकाशन बंद कर देंगे। एचसीबीए अध्यक्ष अनिल किल्लोर के अनुसार एचसीबीए की यह पहल न केवल ईको फ्रेंडली है, बल्कि इसमें काफी राशि और ऊर्जा बचेगी। आज डिजिटाइजेशन का जमाना है, इसलिए लगभग सभी अधिवक्ताओं के पास स्मार्ट फोन, टैबलेट और इंटरनेट की सुविधा है। यहां तक कि एसएमएस सेवा के जरिए वकीलों को मुकदमों की जानकारी एक दिन पहले ही भेजी जाएगी। हमारी इस मुहिम को वकीलों का समर्थन प्राप्त होगा ऐसी अपेक्षा है। 

Created On :   1 Sept 2018 6:20 PM IST

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