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अर्थशास्त्री डॉ. श्रीरामे बोले - बजट कोई आंकड़ों का खेल नहीं
डिजिटल डेस्क, काटोल | केंद्रीय बजट पर अभ्यासपूर्ण व्याख्यान का आयोजन जिला परिषद प्रतियोगिता परीक्षा एवं मार्गदर्शन केंद्र काटोल की ओर से किया गया । कार्यक्रम मे केंद्रीय बजट पर मार्गदर्शन करते डॉ. राजू श्रीरामे ने कहा कि केंद्रीय बजट ये कोई आंकड़ों का खेल नहीं है। केंद्रीय बजट का सार जानने वाले लोग ‘वित्तीय रूप से साक्षर’ कहे जाने से गुरेज नहीं करते हैं। डॉ. राजू श्रीरामे ने ‘केंद्रीय बजट-2022: एक दृष्टिकोण और विश्लेषण’ पर व्याख्यान देते हुए कहा, शाश्वत विकास के लिये आत्मनिर्भर भारत की ओर जाने वाले 2047 के भारत को सामने रखते हुये इस बजट को बनाया गया है। ये अमृतकाल का बजट है जो 2047 के भारतीय स्वाधीनता के शताब्दी महोत्सव को ध्यान में रखते हुए रखा गया है। डॉ. श्रीरामे ने आगे कहा कि केंद्रीय बजट अगले 25 वर्षों के लिए एक विजन है। इस वर्ष के बजट का मीठा फल 2047 में चखा जाएगा। गरीबों के लिए विकास योजना अमीरों के आयकर का भुगतान करके लागू की जाती है, उन्होंने आशावाद व्यक्त किया। रक्षा क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र, शिक्षा, हस्तशिल्प, कृषि आदि के लिए बड़े वित्तीय प्रावधान किए गए हैं।
कार्यक्रम का परिचय समूह शिक्षा अधिकारी संतोष सोनटक्के ने किया, जिसका संचालन वैष्णवी ठाकरे ने किया और धन्यवाद प्रांजलि मदनकर ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समूह शिक्षा अधिकारी संतोष सोनटक्के ने की, अर्थशास्त्री डॉ. राजू श्रीरामे ने मार्गदर्शक के रूप मे भूमिका निभायी,जबकि शिक्षा विस्तार अधिकारी नरेश भोयर, केंद्र समन्वयक एकनाथ खजूरिया और परियोजना समन्वयक राजेंद्र टेकड़े मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत के संविधान पर आधारित सुंदर हस्तलेखन प्रतियोगिता आयोजित की गयी जिसके पुरस्कार इस मौके पर वितरित किए गए। स्पर्धा में क्रमश: तीन नंबर प्राप्त करने वाली नोमादेवी खुर्पाड़े, हिमांशी भोरे और वैष्णवी ठाकरे को सम्मानपत्र, सम्मानचिन्ह और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया।
Created On :   13 Feb 2022 5:15 PM IST