बीएमसी आयुक्त चहल से ईडी ने की चार घंटे पूछताछ

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में कोरोना सेंटर बनाने में हुए कथित 100 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल से करीब चार घंटे पूछताछ की। केंद्रीय जांच एजेंसी के सवालों के जवाब देकर दक्षिण मुंबई के बेलार्ड पियर इलाके में स्थित ईडी कार्यालय से बाहर निकले चहल ने कहा कि बीएमसी आयुक्त के तौर पर ईडी ने इस मामले से जुड़ी कुछ जानकारी मांगी। सरकारी अधिकारी और बीएमसी का प्रमुख होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि ईडी जो जानकारी मांगे उसे दी जाए। मैंने ईडी को जानकारी दे दी और कुछ कागजात भी सौंपे हैं।
बीएमसी आयुक्त ने कहा कि मैंने एजेंसी से कहा है कि अगर आगे भी किसी तरह की जानकारी की जरूरत होगी तो हम पूरा सहयोग करेंगे। चहल ने कहा कि मार्च-अप्रैल 2020 में दुनियाभर के साथ मुंबई में भी कोरोना महामारी फैली। जब इसकी शुरुआत हुई तो उस वक्त मुंबई में बीएमसी के अस्पतालों में चार हजार से कम बेड उपलब्ध थे। मुंबई की आबादी 1 करोड़ 40 लाख है। ऐसे में सरकार ने सोचा कि अगर इसे लेकर तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में हालात अनियंत्रित हो सकते हैं और बहुत से लोगों की मौत हो सकती है। यह आशंका बाद में सही भी साबित हुई क्योंकि मुंबई में संक्रमण के 11 लाख मामले सामने आए। इसलिए राज्य सरकार ने जून महीने में खुले मैदानों में फिल्ड अस्पताल बनाने के निर्देश दिए जिनमें आईसीयू, डायलसिस, ऑक्सीजन की भी सुविधा उपलब्ध होगी।
हमने चरणबद्ध तरीके से इस तरह के 10 कोविड अस्पताल बनाए जिनमें 15 हजार बेड और 1 हजार आईसीयू बनाया बनाए गए थे। हमने सरकार को बता दिया था कि कर्मचारियों की कमी है। हमारे करीब 300 इंजीनियर एयरपोर्ट पर विदेश के आने वालों की जांच के लिए तैनात थे। ऐसे में हम निर्माण कार्य नहीं कर सकते थे। इसलिए हमने म्हाडा, एमएमआरडीए जैसी एजेंसियों से काम कराने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि कोविड सेंटर बनाने के लिए बीएमसी ने कोई पैसा नहीं खर्च किया। दस कोविड सेंटर में से एक को लेकर साल 2022 में पुलिस में शिकायत की गई थी इसी को लेकर आज पूछताछ हुई।
बता दें कि मामले में 100 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है। लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेस नाम की कंपनी को बिना अनुभव के ठेका देने का आरोप है। यह कंपनी में शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राऊत के करीबी सुजीत पाटकर भी हिस्सेदार हैं।
Created On :   16 Jan 2023 9:29 PM IST