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कोचिंग क्लासेस पर लगेगी लगाम, अधिनियम लाने की तैयारी में सरकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। तेजी से फलते-फूलते कोचिंग क्लासेस पर लगाम कसने की तैयारी सरकार कर रही है। इसके राज्य सरकार ने इससे जुड़ा अधिनियम लाने जा रही है। अब तक अधिनियम न होने से कोचिंग क्लासेस पर सरकार का सीधे तौर पर कोई नियंत्रण नहीं था। ऐसे में धोखाधड़ी, शिक्षा से जुड़े अधिकारों का हनन और नागरिक सुविधाओं में पड़ने वाली बाधा जैसी समस्याएं बढ़ने लगी थीं। इसके समाधान के लिए सरकार ने "महाराष्ट्र निजी कोचिंग अधिनियम-2018' लाने की तैयारी कर ली है। बीते दिनों सरकार ने इसके अध्ययन के लिए समिति गठित की थी। तीन बैठकों के बाद समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें कई तरह की सिफारिशें की गई है। इसमें कोचिंग शुरू करने के लिए जरूरी मापदंडों से लेकर कोचिंग के पंजीयन, विद्यार्थी संख्या का निर्धारण, शुल्क निर्धारण और नियमों का उल्लंघन होने पर सजा और जुर्माने के प्रावधान का भी उल्लेख किया गया है। यह अधिनियम लागू होने के बाद कोचिंग सेंटरों की मनमानी और उनसे जुड़ी शिकायतों पर लगाम लगने की उम्मीद सरकार कर रही है।
इस तरह हैं सिफारिशें : स्कूली शिक्षा से लेकर 12वीं बोर्ड परीक्षा और प्रथम वर्ष की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने वाले कोचिंग सेंटरों के लिए यह अधिनियम लाया जा रहा है। समिति की सिफारिशों के अनुसार अधिनियम में कोचिंग सेंटर पर नियंत्रण कसने के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जिसे कई तरह के अधिकार दिए जाएंगे।
रजिस्ट्रेशन के नियम: होम ट्यूशन हो या फिर कोचिंग सेंटर, संचालक को इसके लिए जरूरी मापदंड पूरे करके पंजीयन कराना होगा। यहां तक की अलग-अलग विषय पढ़ाने के लिए हर संकाय का अलग से पंजीयन कराना होगा। साथ ही समय-समय पर इसका नवीनीकरण भी कराना होगा। संचालकों को पंजीयन के लिए टैक्स रसीद भी दस्तावेजों मंे जोड़नी होगी।
फीस भी निर्धारित: कोचिंग सेंटरों की फीस राज्य सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा निर्धारित होगी। प्रत्येक जिले के लिए शुल्क का प्रारूप अलग-अलग होगा। कोचिंग संचालक चाहे तो शुल्क वृद्धि के लिए समिति के पास लिखित आवेदन कर सकता है। साथ ही विद्यार्थियों को फीस कैश में नहीं, बल्कि बैंक द्वारा जमा करनी होगी। कोचिंग सेंटर की कुल आय का 5 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार की शिक्षा विकास निधि में जमा कराना होगा।
प्रतिबंध : समिति की सिफारिशों के अनुसार कोचिंग में किसी सरकारी या शैक्षणिक संस्था के शिक्षक का पढ़ाना प्रतिबंधित होगा। किसी भी स्कूल या कॉलेज में कोचिंग लेने पर भी रोक का सुझाव दिया गया है। कोई भी कोचिंग में पढ़ रहे विद्यार्थियों के स्कूल या कनिष्ठ महाविद्यालय के टाइमिंग से ओवरलैप नहीं होना चाहिए।
विद्यार्थी हित : कोचिंग सेंटर में विद्यार्थियों के लिए बेहतर वातावरण, शौचालय, पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध कराना जरूरी होगा। इसी तरह होम ट्यूशन में पांच और कोचिंग सेंटर में 80 से ज्यादा विद्यार्थियों को प्रवेश देने पर भी रोक लगाई जाएगी। साथ ही गरीबी रेखा के नीचे के विद्यार्थियों के लिए कोंचिंग में पांच प्रतिशत सीट आरक्षित होगी, जहां उन्हें आधी फीस में एडमिशन दिया जाएगा।
प्रलोभन देन पर रोक : कोचिंग सेंटरों द्वारा विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए लुभावने या झूठे प्रलोभन देने वाले विज्ञापन पर रोक लगाई गई है। साथ ही प्रॉसपेक्टस में उल्लेखित फीस के अलावा नोट्स या अन्य किसी भी सामग्री के लिए विद्यार्थियों से अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा सकेगा।
जुर्माना भी देना पड़ सकता है : समिति की सिफारिशों के अनुसार अगर कोई भी कोचिंग सेंटर अधिनियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो कोचिंग पर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना और संचालक या अन्य जिम्मेदार व्यक्ति को दो साल तक की जेल का प्रावधान भी किया गया है।
Created On :   26 Dec 2017 1:56 PM IST