- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- शरीरशुद्धि के साथ आत्मशुद्धि का...
शरीरशुद्धि के साथ आत्मशुद्धि का प्रयास भी जरूरी- सुवीरसागर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शरीर शुद्धि के साथ आत्मशुद्धि का भी प्रयास करना चाहिए। यह उद्गार तपस्वी सम्राट आचार्य सन्मतिसागर के शिष्य आचार्य सुवीरसागर ने श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर, महावीरनगर में कहा। आचार्यश्री ने कहा कि जैसे मिट्टी का घड़ा बनता है और फूट गया तो फिर मिट्टी बनती है वैसे ही यह जीव जब तक मोक्ष नहीं होता तब तक चारों गतियों में भ्रमण करता रहेगा। जब तक एक-दूसरे का संयोग है तब तक साथ में रहता है। एक-दूसरे से वियोग होता है तो यह दुःखी होता हेै। पीडि़त शरीर दुःखी होता है। अगर शरीर को काटपीट किया, मारा तो आत्मा को दुःख होता है। इनका दूध-पानी जैसा संस्लेश संबंध है।
13 नवंबर को को सुबह 7 बजे शांतिधारा होगी। 24 नवंबर को अहिंसा भवन में दोपहर 1 बजे आचार्यश्री सुवीरसागरजी का 15वां दीक्षादिन महोत्सव मनाया जाएगा। विधान के सौधर्म इंद्र भुपाल सावलकर है। विधी विधानाचार्य संजयजी सरस जैन ;चिचोलीद्ध के मार्गदर्शन में होगी। अध्यक्ष चंद्रकांत वेखंडे, कार्यवाह प्रकाश मारवडकर, सहकार्यवाह प्रवीण भेलांडे, संयोजक विजय सोईतकर, सुभाष मचाले, प्रदीप काटोलकर एवं गिरीश हनुमंते अशोक हनमंते, सुभाष मचाले ने उपस्थिति की अपील की है।
वैकुंठ चतुर्दशी पर उमड़ी भीड़
वैकुंठ चतुर्दशी का आयोजन हरिहर मंदिर, लकड़गंज में धूमधाम से किया गया। सुबह से ही दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी जो लंबे समय तक चली। वैकुंठ चतुर्दशी को भगवान शिव को तुलसी चढ़ाते हैं एवं भगवान विष्णु को शिव द्वारा बिल्वपत्र चढ़ाया जाता है। चतुर्दशी के उपलक्ष में मंदिर की ओर से सप्ताह का आयोजन किया गया है जिसमें सुबह 7.30 से 8.30 बजे तक ज्ञानेश्वरी प्रवचन एवं रात्रि में 7 से 9 बजे तक हरिकीर्तन होगा। सीताराम महाराज खानझोडे के हाथों गोपालकाला होगा। पालकी निकाली जाएगी एवं भव्य महाप्रसाद होगा। सफलतार्थ मंडल के अध्यक्ष अर्जुनराव वैरागडे, उपाध्यक्ष पुंडलिकराव बोलधन, राजू उमाटे, सचिव गुलाब बालकोटे, उदय आकरे, स्वप्निल वैरागडे, रामदास गजापुरे, सुरेश बारई, सुनील धावडे, रामेश्वर हिरूलकर, गोपाल कलमकर, लक्ष्मणराव सातपुते, उमेश नंदनकर आदि प्रयास कर रहे हैं।
Created On :   12 Nov 2019 12:28 PM IST