- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- घरों में ही ईद की नमाज अदा करने की...
घरों में ही ईद की नमाज अदा करने की अपील, सर्वशक्तिमान के साथ आध्यात्मिक संबंध स्थापित करने का दिन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना महामारी के चलते कोविड-19 दिशा-निर्देश जिलाधिकारी व गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अंतर्गत शासकीय नियमों का पालन कर अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा करने की अपील जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे, जोन-5 के पुलिस उपायुक्त निलोत्पल, तहसीलदार अरविंद हिंगे, नगराध्यक्ष मो. शाहजहां शफाअत अंसारी, उपाध्यक्ष अहफाज अहमद, मुख्याधिकारी संदीप बोरकर, नए पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक विजय माचले, जूना पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक राहुल शिरे ने की हैं। साथ ही साेशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाते हुए एक-दूसरे को ईद की बधाई देने का आह्वान किया गया।
सर्वशक्तिमान के साथ आध्यात्मिक संबंध स्थापित करने का दिन
ईद के उपदेश भले ही एक सुनहरी चादर पर लिखे हों, उनका बकाया भुगतान नहीं कर सकते, जिसका अर्थ है कि ईद अच्छे कपड़े पहनने वालों के लिए नहीं है। ईद उन लोगों के लिए है, जो अल्लाह के वादे और जब्ती से डरते हैं। ईद उन लोगों के लिए नहीं है, जो आज अच्छी सुगंध का उपयोग करते हैं, बल्कि ईद उन लोगों के लिए है जो अपने पापों के लिए पश्चाताप करते हैं और फिर उससे चिपके रहते हैं। ईद उन लोगों के लिए नहीं है जिन्होंने अच्छा भोजन तैयार किया है, लेकिन ईद है उन लोगों के लिए है जिन्होंने संभव के रूप में अधिक से अधिक खुशी प्राप्त की हैं और अच्छा बनने की कोशिश की हैं। ईद उन लोगों के लिए नहीं है, जिन्होंने सांसारिक अलंकरण को अपनाया है, बल्कि ईद उन लोगों के लिए हंै, जिन्होंने पवित्रता को अपनाया है और इसे अपना घर बनाया है। ईद उन लोगों के लिए नहीं है जो बेहतरीन सवारी और कारों में सवार हैं, लेकिन ईद उन लोगों के लिए है जिन्होंने अपने पापों को त्याग दिया है। घरों को सजाया गया है, लेकिन ईद उन लोगों के लिए है जो पुल को पार कर चुके हैं। अल्लाह हमें ईद की सच्ची खुशी दे।
रमजान का उद्देश्य अपने आप में पवित्रता को बढ़ाना है और एक महीने में ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त करना है, जिसका प्रभाव वर्ष के बाकी दिनों में भी देखा जा सकता है। ईद-उल-फित्र वास्तव मंए व्यक्तिगत जवाबदेही का दिन है। नए कपड़े सिर्फ पहनने नहीं, बल्कि दिल और दिमाग को साफ रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। टेबल को सजाने के लिए ही नहीं, यह चरित्र में सुधार करने का भी दिन है। इस दिन पैसे बर्बाद करने के बजाय, चिंता करनी चाहिए। ईद जीवन में मुस्कान लाने का दिन है। न केवल ईद के दिन, बल्कि पूरे वर्ष हमें गरीबों की देखभाल करने की आवश्यकता है। जब तक हम ईद को गरीबों के साथ नहीं मनाते हैं, हम ईद की सच्ची खुशियों से वंचित रहेंगे। यह हमें भाईचारे और एकजुटता को प्रशिक्षित करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन विशेषता और कृतज्ञता, त्याग और भक्ति को ऊंचाई प्रदान करता है। पवित्रता और नवीनीकरण काे पाठ पढ़ाने के साथ परिवर्तन और क्रांति का संदेश देता है। {अमीरे शरीअत हजरत मुफ्ती मोहम्मद अब्दुल कदीर खान, अध्यक्ष "दारूल कजा महाराष्ट्र" (जामेआ अरबीया इस्लामिया, नागपुर)
पवित्र क़ुरआन सुरह नहल की पंक्ति क्रमांक 18 में कहता है कि "यदि आप अल्लाह के आशीर्वाद को गिनना चाहते हो आप गिन नहीं पाओगे’। अल्लाह का सबसे बड़ा आशीर्वाद यह है कि उसने हमें इंसान और नेक प्राणी बनाया, हमें सही और गलत का भेद दिया और हमें उसके मार्गदर्शन का आशीर्वाद दिया। ईद-उल-फित्र शुक्र की नमाज इसलिए है कि अल्लाह ने अपनी कृपा से हमें रमज़ान का महीना दिया है। रोजे, कुरआन पठन, नफिल नमाज पढ़ने, दान करने के योग्य बनाया। हमें भौतिक और आध्यात्मिक बुराइयों से मुक्त होने का अवसर मिला। इंसानी हमदर्दी और लोगों को राहत का जरिया बनाया। सजदा-ए-शुक्र अदा करते हैं और हम ईद-उल-फित्र की नमाज अदा करके अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। -डॉ एम.ए. रशीद
Created On :   14 May 2021 11:03 AM IST