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बुजुर्ग भाई बहन की मौत, घर में पड़े थे शव, श्वान भी मृत पाया गया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बजाज नगर थानांतर्गत मंगलवार की दोपहर बुजुर्ग भाई-बहन की मौत हो गई है। घर में शव पड़े हुए थे। पालतु श्वान भी मर गया है। घटीत प्रकरण के कारनों का खुलासा नही हुआ है, मगर प्रारंभिक तौर पर इसे सामूहिक आत्महत्या के तौर पर देखा जा रहा है। फिलहाल मामले को आकस्मिक मृत्यु के तौर पर दर्ज किया गया है।
मृतक मोहनलाल ओठवानी 80 वर्ष और उसकी बहन शांता ओठवानी 75 वर्ष तात्या टोपे नगर निवासी थे। मंगलवार की उपहृरांत करीब पौने चार बजे के दौरान किसी ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को फोन कर बताया कि ओेठवानी के घर से तेज दुर्गंध आ रही है। जिससे निरीक्षक गुलाब पाटील सह दल बल मौके पर पहुंचे तो मुख्य गेट पर ताला लगा हुआ था। पुलिस ने ताला तोड़ा। आवाज देने पर भीतर से कोई भी प्रतिसाद नहीं दे रहा था। जिससे पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया। दरवाजा भीतर से बंद था और उस पर भी ताला जड़ा हुआ था। हाल में शांता का शव पड़ा हुआ था। उसके चंद कदमों की दूरी पर मोहनलाल का भी शव था। मोहनलाल ने दो श्वान पाल रखे थे, उसमें से एक श्वान भी मरा हुआ था। एक ही घर में भाई-बहन और श्वान की मौत होने से पुलिस सकते में आ गई। प्रकरण की गंभीरता से आला पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे। शव बुरी तरह से सड़ गल चुके थे और उससे तेज दुर्गंध उठ रही थी। आवश्यक कार्रवाई कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। आस-पड़ोस के लोगों को भी मोहनलाल और उसकी बहन शांता के बारे में कोई खास जानकारी नही है। उनके तरफ कभी किसी मेहमान को भी नही देखा गया है। दोनों भाई-बहन अविवाहित थे। मोहनलाल रेलवे से सेवानिवृत्त हुआ है। फिलहाल उनका गुजारा पेंशन से जारी था।
ताला बंद घर में रहते थे भाई-बहन
पड़ोसियों के अनूसार, मोहनलाल और शांता ताला बंद घर में रहते थे। चौबीसों घंटे घर रहने के बाद भी उनके घर में ताला ही लगा रहता था। आस-पड़ोस के लोगों से भी वे बात नही करते थे। कभी कोई उनका रिश्तेदार भी उनके घर में नही देखा गया है। पुलिस ने मोहनलाल का बंद मोबाइल अपने कब्जे में लिया है। उससे बरामद नंबर के आधार पर रिश्तेदारों की तलाश की जाने वाली है, लेकिन अभी तक शवों पर भी किसी ने अपना अधिकार नही जताया है।
पुलिस को भी घर में नही आने देते थे भीतर
मोहनलाल जरुरत पड़ने पर पुलिस नियंत्रण कक्ष अथवा बजाज नगर थाने में फोन कर मदद लिया करता था। मोहनलाल के घर के सामने दुकान है। किसी ने घर के सामने वाहन खड़ा किया तो मोहनलाल पुलिस को बुला लेता था। वरिष्ठ नागरीक होने से खुद निरीक्षक पाटील मौके पर कई बार पहुंचे हैं। निरीक्षक पाटील से भी बात करने के लिए मोहनलाल दरवाजा नही खोलता था। बंद दरवाजे से ही बात करता था। हालांकी उन्हें देखने के उदेश से पाटील ने कई बार उन्हें दरवजा खालने को कहा था। घर देखने के बहाने से भी पाटील ने भीतर आने की ईछा व्यक्त की थी, इसके बाद भी मोहनलाल ने उन्हें घर में दाखिल नहीं होने दिया था।
दूध वाले पर टिकी है पुलिस की नजर
मोहनलाल के घर में कोई व्यक्ति दूध देता था, लेकिन गत कुछ दिनों से उसने भी दूध देना बंद कर दिया है। मृत्त भाई-बहन के बारे में ज्यादा जानकारी देने वाला कोई नही होने से पुलिस की अब दूध वाले पर नजर टिकी हुई है, जिससे भाई-बहन के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सके। घटीत प्रकरण से पुलिस को घर से कोई जहर की बोतल अथवा कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। श्वान समेत भाई-बहन की एक साथ मौत होने से इसे सामूहिक आत्महत्या अथवा फुड पाइजन की वजह से भी घटीत प्रकरण होने का माना जा रहा है। जांच जारी है।
Created On :   15 Jan 2019 11:36 PM IST