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डेढ़ साल से विमानतल परिसर में रखा है ईएलडीआईएस रडार
डिजिटल डेस्क, नागपुर. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल नागपुर परिसर में पिछले तकरीबन डेढ़ वर्ष से रखा मोनो-पल्स सर्विलांस सेकंडरी रडार अब तक स्थापित नहीं किया जा सका। हैरानी इस बात की है कि इस रडार को स्थापित करने के लिए पिछले डेढ़ वर्ष से रडार टावर बनने का इंतजार किया जा रहा है। यह टावर दिसंबर 2022 तक बनने की उम्मीद है। टावर तैयार होने के बाद सीएनएस की टीम द्वारा यह रडार स्थापित किया जाएगा। चेकोस्लोवाकिया की कंपनी ईएलडीआईएस परडुबिस द्वारा तैयार किया गया यह रडार 250 मील के हवाई क्षेत्र को कवर करेगा और 45 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ने वाले विमानों की सटीक लोकेशन दर्ज कर सकेगा। विमानतल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2021 में यह रडार भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, नागपुर के सुपुर्द किया गया था। देशभर में ईएलडीआईएस परडुबिस द्वारा कुल 14 रडार मुहैया कराए गए थे।
सटीक लोकेशन होगी दर्ज
अब तक यह राडार अहमदाबाद, अमृतसर, कोचीन, दिल्ली, गुवाहाटी, चेन्नई, इंफाल, कोलकाता, लखनऊ, मैंगलोर, मुंबई और त्रिवेंद्रम के हवाई अड्डों पर लगाए गए हैं। शेष दो राडार में से एक नागपुर विमानतल पर पिछले डेढ़ वर्ष से रखा हुआ है। अनुबंध के मुताबिक देश में कुल 17 ईएलडीआईएस परडुबिस के मोनो-पल्स सर्विलांस सेकंडरी रडार स्थापित करने की योजना है जिसके जरिए भारत का 90 फीसदी हवाई क्षेत्र कवर होगा। नागपुर विमानतल के अतिरिक्त औरंगाबाद, बरहामपुर और बीकानेर में भी ईएलडीआईएस राडार सिस्टम लगाए जा रहे हैं। नागपुर विमानतल पर मोनो-पल्स सर्विलांस सेकंडरी रडार के अलावा एक प्राइमरी सर्विलांस रडार भी स्थापित किया जाएगा। वर्ष 2023 के प्रारंभ में दोनों रडार के स्थापित होने की संभावना है। प्राइमरी सर्विलांस रडार के जरिए विमानतल परिसर में करीब 60 मील के दायरे में हवाई यातायात को नियंत्रित किया जा सकेगा। इस रडार के दायरे में ड्रोन की भी सटीक लोकेशन दर्ज होगी।
Created On :   13 Nov 2022 8:12 PM IST