चुनाव करीब फिर भी कांग्रेस में समन्वय नहीं, नेता जता रहे अपनी अपनी उम्मीदें

Elections near still not coordination in Congress, leaders expressing their hopes
चुनाव करीब फिर भी कांग्रेस में समन्वय नहीं, नेता जता रहे अपनी अपनी उम्मीदें
चुनाव करीब फिर भी कांग्रेस में समन्वय नहीं, नेता जता रहे अपनी अपनी उम्मीदें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद भी कांग्रेस में नेताओं में पूरी तरह से समन्वय नहीं हो पाया है। चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अपने अपने स्तर पर पार्टी आलाकमान तक पहुंच बना रहे हैं। विविध गुट सक्रिय है। लेकिन चुनाव की ठोस रणनीति नहीं बन पा रही है। लिहाजा यहां नेता अपने अपने तरीके से चुनाव को लेकर अपेक्षाएं भी जताने लगे हैं। प्रदेश कांग्रेस के कार्याध्यक्ष डॉ.नितीन राऊत ने पार्टी के सभी नेताओं से मिलकर काम करने का आव्हान किया है। डॉ.राऊत को शहर कांग्रेस में एक गुट का नेता भी माना जाता है। उत्तर नागपुर से उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाने की मांग को लेकर कांग्रेस के ही कुछ कार्यकर्ता दो बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। प्रदेश प्रभारी सहित अन्य नेताओं से उन्होंने मांग की है कि उत्तर नागपुर में नया उम्मीदवार दिया जाए। इस मामले पर डॉ.राऊत कहते हैं कि उन्होंने पार्टी से उम्मीदवार बनने की मांग ही नहीं की है। उम्मीदवार आवेदन नहीं भरा है। पार्टी जो भी जवाबदारी देगी उसे पूरा करेंगे। वे यह भी कहते हैं कि यह चुनाव सबके लिए चुनौती भरा है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यहीं से चुनाव लड़ते हैं। उन्हें चुनौती देने के लिए कांग्रेस नेताओं को साथ मिलकर तगड़ा उम्मीदवार तय करने के लिए चर्चा करना होगा। मुकुल वासनिक, अविनाश पांडे, विलास मुत्तेमवार, सतीश चतुर्वेदी, अनीस अहमद, विकास ठाकरे के साथ मिलकर चर्चा करने के लिए भी उन्होंने कहा है। गौरतलब है कि 27 सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। 4 अक्टूबर तक नाम दर्ज िकए जाएंगे। चुनाव करीब होने के बाद भी शहर कांग्रेस में इच्छुक उम्मीदवारों को पार्टी की ओर से कोई संकेत नहीं मिल पा रहा है। उधर सोमवार को कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे ने अन्य गुट के नेताओं व अन्य इच्छुकों पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि केवल चमकते कुर्ता पायजामा पहनकर दिल्ली के दौरे लगाने वालों को नेता मान लेना ठीक नहीं होगा। जनता के बीच काम करनेवालों को ही पार्टी उम्मीदवार बनाने के संबंध में पार्टी आलाकमान ने सोचना चाहिए। जनता के बीच नहीं रहनेवालों को उम्मीदवार बनाया गया तो कांग्रेस कार्यकर्ता उन्हें फार्म नहीं भरने देंगे।

कांग्रेस के शहर कार्यालय में विदर्भवादी नेता श्रीहरि अणे का संवाद कार्यक्रम भी आयोजित कराया गया। मुकुल वासनिक को कांग्रेस ने चुनाव के लिए विदर्भ में प्रमुख बनाया है। उनके प्रमुख बनते ही यहां कुछ नेताओं के चेहरों के भाव बदल गए हैं। शहर कांग्रेस  में वासनिक विरोधी नेता व कार्यकर्ताओं की भी कम नहीं है। भाजपा से कांग्रेस में आए पूर्व विधायक आशीष देशमुख ने मंगलवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोरात के विरोध में बयान देकर पार्टी में चल रहे टिकटों को लेकर असंतोष को उजागर किया है। 

Created On :   23 Sept 2019 7:21 PM IST

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