कोयले के दाम बढ़ने का उपभोक्ताओं पर असर, अब बढ़ेगा बिजली बिल

Electricity bill will also increase if the price of coal increases
कोयले के दाम बढ़ने का उपभोक्ताओं पर असर, अब बढ़ेगा बिजली बिल
कोयले के दाम बढ़ने का उपभोक्ताओं पर असर, अब बढ़ेगा बिजली बिल

अतुल मोदी , नागपुर । कोल  इंडिया द्वारा कोयले के दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं पर इसका सीधा-सीधा भार पड़ने जा रहा है। कोयला के दाम बढ़ने से पहले से ही भारी-भरकम बिजली दरों के नीचे दबे विद्युत उपभोक्ताओं पर बिजली दर में वृद्धि की और मार पड़ने की स्थिति पहुंची है। इस बार यह मार कोयले के चलते पड़ने वाली है। कोल इंडिया ने बिजलीघरों को दिए जाने वाले कोयले की दर में औसत 9 प्रतिशत की वृद्धि घोषित की है। यह वृद्धि मंगलवार से ही लागू कर दी गई है। इसका सीधा असर बिजली उत्पादन लागत पर पड़ेगा।

उपभोक्ताओं पर ऐसे पड़ेगा भार: बिजलीघर इस बढ़त को आम उपभोक्ताओं पर ईंधन अधिभार शुल्क के रूप में थोप देंगे। बिजलीघरों का दीर्घकालीन करार महावितरण व अन्य विद्युत वितरक कंपनियों से होता है। इसकी शर्त के अनुसार वे एक निश्चित दर से बिजली इन्हें देते हैं, लेकिन कोयला या फरनेस आइल आदि कच्चे माल की दरों में जो भी परिवर्तन आता है, उसे वास्तविक रूप में वितरक कंपनियों से और वितरक कंपनियां आम उपभोक्ता से वसूलने के लिए स्वतंत्र होती हैं।

50 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ सकती है बिजली : महाराष्ट्र के बिजलीघरों को कोल इंडिया की सहायक कंपनियां करीब 2 लाख टन कोयला प्रतिदिन देती हैं। ऐसे में कोयले की दर में 9 प्रतिशत की वृद्धि होने से बिजली बिल पर भी करीब-करीब इतना ही असर आने की संभावना है। बिजली उत्पादकों का मानना है कि इस मूल्य वृद्धि से उनकी लागत बढ़ेगी और बिजली शुल्क दरें बढ़ेंगी।  अनुमान है कि इस वृद्धि से बिजली शुल्क में 30 से 50 पैसे प्रति यूनिट की शुल्क वृद्धि हो सकती है। कोयले के दाम में यह वृद्धि कोयला निकासी के रूप में लिये जाने वाले 50 रुपये प्रति टन की 12- 18 प्रतिशत की अप्रत्यक्ष मूल्य वृद्धि के ऊपर की गई है।  वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिये ऊर्जा के दाम कम होने चाहिये। लेकिन इसके बजाय देश पर कोल इंडिया की अकुशलता, उसके कर्मचारियों, लागत ढांचे और घाटे का बोझ लादा जा रहा है। या यूं कहें कि उपभोक्ताओं पर महंगाई का एक और बोझ पड़ने वाला है।

Created On :   10 Jan 2018 10:19 AM IST

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